केंद्र सरकार ने 12 अक्टूबर को अपने कर्मचारियों को एलटीसी के एवज में आयकर-मुक्त नकद वाउचर देने की घोषणा की थी. कर्मचारी इन वाउचर का इस्तेमाल ऐसे उत्पाद खरीदने के लिए कर सकते हैं जिन पर जीएसटी की दर 12 प्रतिशत या अधिक है. इस पहल का मकसद कोविड-19 से प्रभावित अर्थव्यवस्था में खपत को गति देना है.
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नई दिल्लीः LTC कैश वाउचर स्कीम (LTC cash voucher scheme) का फायदा अब हर कोई उठा सकता है. सरकारी कर्मचारियों से लेकर निजी कंपनी में काम करने वाले भी सरकार की इस स्कीम के दायरे में आ गए हैं. यह योजना इनकम टैक्स बचाने में भी कारगर है.
यह है एलटीसी कैश वाउचर स्कीम
LTC कैश वाउचर स्कीम के तहत कर्मचारियों को LTC के एवज में टैक्स फ्री कैश वाउचर देने का प्रावधान है.
1. कर्मचारियों को LTC किराया राशि का तीन गुना उन चीजों/सेवाओं की खरीद पर खर्च करना होगा, जिस पर GST की दर 12 परसेंट या इससे ज्यादा हो
2. ये चीजें या सेवाएं सिर्फ रजिस्टर्ड दुकानदारों/सर्विस प्रोवाइडर्स से ही खरीदनी होंगी, वरना इसका फायदा नहीं मिलेगा
3. भुगतान डिजिटल तरीके से 12 अक्टूबर, 2020 से लेकर 31 मार्च, 2021 के बीच करना होगा.
4. उन्हें एक वाउचर लेना होगा, जिस पर जीएसटी संख्या और राशि का पूरा ब्यौरा दिया गया हो.
5. कर्मचारियों के लिए यह छूट उनके 2018-21 की समय अवधि में लागू LTC भुगतान के संबंध में लागू होगी.
मान लीजिए परिवार आपके परिवार में 4 सदस्य हैं. हर व्यक्ति के लिए 20,000 रुपये किराए के रूप में मिलते हैं तो
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कुल LTC किराया = 20,000 x 4 = 80,000 रुपये
कुल खर्च करना होगा = 80,000 x 3 = 2,40,000 रुपये
यानी अगर आप 2.40 लाख रुपये खर्च करेंगे तभी आप LTC कैश वाउचर स्कीम का फायदा उठा सकेंगे और आपको टैक्स में छूट मिलेगी. अगर आप सिर्फ 1.80 लाख ही खर्च करते हैं तो उसे कुल LTC फेयर का 75 परसेंट यानी 60,000 रुपये पर ही फायदा मिलेगा.
निजी कर्मचारियों को मिलेगी छूट
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने एक बयान में कहा कि केंद्र सरकार के अलावा अन्य कर्मचारियों को मान्य एलटीसी के रूप में दोनों तरफ के किराये पर प्रति व्यक्ति अधिकतम 36,000 रुपये नकद भत्ते के भुगतान पर आयकर छूट का लाभ मिलेगा. यह छूट कुछ शर्तों को पूरा करने पर मिलेगी.
सीबीडीटी ने कहा, ‘अन्य कर्मचारियों को लाभ (गैर-केंद्र सरकार कर्मचारी) उपलब्ध कराने के लिये... एलटीसी किराये के बराबर नकद भुगतान को लेकर गैर-केंद्रीय कर्मियों को भी आयकर में छूट देने का निर्णय किया गया है.’ गैर-केंद्रीय कर्मचारियों में राज्य सरकारों,सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम, बैंक और निजी क्षेत्र के कर्मचारी आएंगे.