Indian Railways: रेल यात्रियों के लिए बड़ी खबर! बदल गया रेलवे का 31 साल पुराना सॉफ्टवेयर, अब सफर होगा आसान
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Indian Railways: रेल यात्रियों के लिए बड़ी खबर! बदल गया रेलवे का 31 साल पुराना सॉफ्टवेयर, अब सफर होगा आसान

Indian Railway News: रेलवे ने यात्रियों की सुविधा के लिए ट्रेन की ऑपरेटिंग सिस्टम (Train Operating System) बढ़ाने और एडवांस ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम (Advanced Traffic Management System) लागू करने की दिशा में इंडियन रेलवे (Indian Railways) ने बड़ा कदम उठाया है. 

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नई दिल्ली: Indian Railways: रेल सफर करने वाले यात्रियों के लिए खुशखबरी है. दरअसल, ट्रेनों की ऑपरेटिंग सिस्टम (Train Operating System) बढ़ाने और एडवांस ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम (Advanced Traffic Management System) लागू करने को लेकर इंडियन रेलवे (Indian Railways) ने बड़ा फैसला लिया है. इंडियन रेलवे ने अब यात्रियों की सुविधा के लिए ट्रेनों की ऑपरेटिंग सिस्टम को और एडवांस कर दिया है.

  1. रेलवे के नए कदम से यात्रियों को मिलेंगी कई सहूलियतें
  2. अब बदल गया 31 साल पुराना सॉफ्टवेयर 
  3. इससे रियल-टाइम सूचना प्रणाली होगी मजबूत

गौरतलब है कि आईआईटी दिल्ली ने रेल मंत्रालय की पहल पर रेलवे के रन ट्रेन सॉफ्टवेयर को अपडेट किया है. यानी अब रेल कर्मचारियों को ट्रेनों के स्थिति की सही जानकारी मिल सकेगी. इसके अलावा रेलवे ने इसरो के साथ मिल कर ट्रेनों के इंजन को भी एडवांस करने की तैयारी भी पूरी कर ली है.

यात्रियों को मिलेंगी ये सहूलियतें 

1. अब रेल यात्रियों को घंटों पहले घर से चलने या फिर प्लेटफॉर्म पर ट्रेन का इंतजार करना नहीं पड़ेगा.
2. अब रेल कर्मचारी एक क्लिक से ही ट्रेनों के सभी बोगियों की जानकारी अपने कंप्यूटर स्क्रीन पर देख सकेंगे.
3. यह सॉफ्टवेयर ट्रेन की स्पीड को प्रति सेकेंड के हिसाब से कैलुकेट कर बता सकेगा कि ट्रेन कहां तक पहुंच गई है और किस स्टेशन पर कितने देर तक रुकी हुई थी.

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बदल गया 31 साल पुराना सॉफ्टवेयर

इंडियन रेलवे के अनुसार, अभी जो सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल हो रहा है वह साल 1990 से किया जा रहा है. इस दौरान ट्रेनों की स्पीड बढ़ी ही साथ ही ट्रेनों की संख्या में भी कई गुना बढ़ोतरी हो है. इंडियन रेलवे में अभी जो सॉफ्टवेयर इस्तेमाल हो रहा है वह डास यानी डिस्क ऑपरेटिंग सिस्टम पर चलता है. इसमें ट्रेनों से संबंधित सभी जानकारी एक साथ कंपाइल करना काफी मुश्किल होता था. इसलिए अब ट्रेनों में नई सॉफ्टवेयर सिस्टम की जरूरत है. 

रियल-टाइम सूचना प्रणाली होगी मजबूत

गौरतलब है कि दो साल पहले रेल मंत्रालय ने ट्रेन के इंजनों में सुधार लाने के लिए इसरो के साथ मिलकर रियल-टाइम ट्रेन सूचना प्रणाली के तहत डिवाइस लगाने का काम शुरू किया था. और इसके तहत अब तक 90 प्रतिशत इंजनों में यह तकनीक लगा भी दिया गया है. यानी अब सभी दिशाओं में चलने वाली ट्रेनों में अब रियल टाइम रिपोर्टिंग हो रही है. इसकी वजह से अब यात्रियों को विभिन्न रूट्स पर चलने वाली ट्रेनों के टाइम-टेबल की सटीक जानकारी मिल रही है.

और सबसे खास बात कि इससे अब दिसंबर से लेकर फरवरी महीने में कोहरे के दौरान धीमी रफ्तार से चलने वाली ट्रेनों की जानकारी भी यात्रियों को सही समय पर दी जएगी. खासकर राजधानी और तेजस जैसे ट्रेनों में इससे काफी मदद मिलेगी.

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