IRCTC: रेलवे अधिकारियों की तरफ से यात्री को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया. जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई. जिस समय खान के ऊपर बर्थ गिरी वह लोअर बर्थ पर सो रहा था और मिडिल बर्थ पर यात्री था.
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Indian Railways Insurance Rule: बमुश्किल एक ही हफ्ता हुआ है जब एक यात्री एक्सप्रेस ट्रेन के स्लीपर कोच में घायल हो गया. उसे अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया गया, जहां उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई. मूल रूप से केरल के मारनचेरी का रहने वाला मृतक ट्रेन में यात्रा करते हुए मिडिल बर्थ गिरने से जख्मी हो गया. इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई. इस मामले को लेकर केरल कांग्रेस ने सरकार पर निशाना साधा है. इसके बाद रेलवे की तरफ से स्पष्टीकरण जारी कर दिया गया. रेलवे ने अपनी सफाई में कहा कि यह हादसा खराब सीट के कारण नहीं हुआ है.
बर्थ गिरने से गंभीर रूप से जख्मी हो गया यात्री
62 साल के अली खान एर्नाकुलम-हजरत निजामुद्दीन सुपरफास्ट ट्रेन के स्लीपर कोच में यात्रा कर रहे थे. सफर के दौरान खान के ऊपर बर्थ गिर गई और वह गंभीर रूप से जख्मी हो गया. रेलवे अधिाकरियों की तरफ से इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया. जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई. जिस समय खान के ऊपर बर्थ गिरी वह लोअर बर्थ पर सो रहा था और उसके ऊपर वाली बर्थ पर भी यात्री सो रहा था. भारी वजन के साथ बर्थ के गर्दन पर गिरने से उसकी गर्दन की तीन हड्डियां टूट गईं.
कांग्रेस ने रेल मंत्री और सरकार पर साधा निशाना
कांग्रेस ने इस हादसे के बाद केंद्र पर निशाना साधते हुए कहा कि अश्विनी वैष्णव और नरेंद्र मोदी के शासनकाल में रेलवे की स्थिति ये है कि पर्याप्त ट्रेनें या सीटें नहीं हैं. कांग्रेस की पोस्ट पर रेलवे की तरफ से स्पष्टिकरण जारी किया और आरोपों से साफ इनकार किया गया. रेलवे की तरफ से एक्स पोस्ट पर कहा गया हादसा खराब सीट के कारण नहीं हुआ. रेलवे की जांच में सामने आया कि ऊपर की बर्थ वाले यात्री ने ठीक से चेन नहीं लगाई थी. मृतक खान S6 की 57 नंबर सीट पर सफर कर रहे थे. इसमें सीट से जुड़ी किसी प्रकार की दिक्कत नहीं है.
Clarification on news by onmanorama regarding train number 12645. https://t.co/ODyAmNDjLa pic.twitter.com/40CoC13vp8
— Spokesperson Railways (@SpokespersonIR) June 26, 2024
रेलवे ने स्थिति की साफ, कहा-हमारी गलती नहीं
यात्री की मौत के बाद रेलवे ने अपनी स्थिति साफ करते हुए बता दिया है इसमें रेलवे की किसी प्रकार से गलती नहीं है. लेकिन अब सवाल यह कि क्या मृतक के परिवार को किसी तरह का मुआवजा दिया जाएगा. अगर यात्री ने टिकट के साथ इंश्योरेंस की सुविधा ली है तो क्या उसके परिवार को इसका फायदा मिलेगा. ये तमाम ऐसे सवाल हैं जिनपर रेलवे और इंश्योरेंस कंपनी की तरफ से फैसला किया जाना है. आइए जानते हैं रेल हादसे में मरने वालों पर लागू होने वाले नियम के बारे में-
क्या है रेलवे की तरफ से दिये जाने वाले इंश्योरेंस का नियम?
आईआरसीटीसी के ट्रैवल इंश्योरेंस के तहत दुर्घटना में मौत होने पर 10 लाख रुपये तक का कवरेज दिया जाता है. यदि कोई शख्स हादसे में पूर्ण रूप से विकलांग हो जाता है तो उसे भी 10 लाख रुपये का क्लेम दिया जाता है. यदि दिव्यांगता अस्थायी और आंशिक है तो रेलवे की तरफ से 7.50 लाख रुपये दिया जाता है. इस तरह ट्रेन टिकट के साथ होने वाला इंश्योरेंस यात्री को 45 पैसे में दिया जाता है. चोट का अस्पताल में इलाज करवाने के लिए 2 लाख रुपये का बीमा कवरेज दिया जाता है.