Indian Railways: ट्रेनों में भी सफर करना हुआ मुश्किल! पिछले 6 महीने में ही बढ़ गए 41.1 करोड़ यात्री
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Indian Railways: ट्रेनों में भी सफर करना हुआ मुश्किल! पिछले 6 महीने में ही बढ़ गए 41.1 करोड़ यात्री

Indian Railways Passengers Data: सस्ती और सुविधाजनक होने की वजह से ट्रेनों से सफर आज भी लोगों के लिए पहली प्राथमिकता बना हुआ है. इनमें भी नॉन-एसी डिब्बों में यात्रियों की भारी भीड़ जुट रही है. 

Indian Railways: ट्रेनों में भी सफर करना हुआ मुश्किल! पिछले 6 महीने में ही बढ़ गए 41.1 करोड़ यात्री

Indian Railways Passengers Data for April to Oct 2023: ट्रेनों में पैसेंजर की बढ़ती तादाद को देखते हुए भारतीय रेलवे भी अपने संसाधन बढ़ाने में जुटी हुई है. रेलवे अधिकारियों के मुताबिक पिछले 6 महीने में देश में स्लीपर और जनरल क्लास कोच में सवारियों की संख्या खासी बढ़ गई है. रेलवे के अनुसार इस साल 1 अप्रैल से लेकर 30 अक्टूबर तक ट्रेनों में सफर करने वाले यात्रियों में 95.3 प्रतिशत वे लोग थे, जिन्होंने जनरल और स्लीपर क्लास के डिब्बों में सफर किया. वहीं एसी कोच में सफर करने वाले यात्रियों की संख्या केवल 4.7 प्रतिशत रही. 

पिछले 6 महीने में बढ़ी यात्रियों की संख्या

भारतीय रेलवे (Indian Railways) की ओर से जारी किए गए बयान के मुताबिक पिछले 6 महीने में जनरल और स्लीपर क्लास कोच में कुल 373 करोड़ यात्रियों ने सफर किया. यह पिछले साल की संख्या से 38 करोड़ ज्यादा है. पिछले साल इसी अवधि में 334 करोड़ लोगों ने नॉन-एसी यानी स्लीपर और जनरल क्लास के डिब्बों में सफर किया था. 

एसी के महंगे टिकट से लोग हो रहे दूर

अगर एसी डिब्बे की बात की जाए तो 18.2 करोड़ लोगों ने इसी साल एक अप्रैल से लेकर 31 अक्टूबर तक सफर किया था. पिछली साल के आंकड़ों से यह संख्या 3.1 करोड़ ज्यादा रही. पिछले साल एसी डिब्बों में 15.1 करोड़ लोगों ने इसी समयावधि में सफर किया था. 

इन दिनों चल रही इतनी ट्रेनें

ट्रेन       प्री-कोविड काल की स्थिति       वर्तमान में चल रही ट्रेनें

मेल/एक्सप्रेस      1,768   2,122

सब-अर्बन      5,626   5,774

पैसेंजर ट्रेन      2,792   2,852

कुल ट्रेनें      10,186   10,748

चलाई जा रहीं एक्स्ट्रा ट्रेनें

रेलवे अधिकारियों (Indian Railways) के मुताबिक इन 6 महीने की अवधि में पिछले साल के मुकाबले 41.1 करोड़ पैसेंजर्स की संख्या बढ़ी है. इनमें से 92.5 प्रतिशत यात्री नॉन-एसी वाले रहे. यात्रियों की बढ़ती तादाद को देखते हुए भारतीय कोरोना शुरू होने से पहले के सामान्य दिनों की तुलना में रोजाना 562 एक्सट्रा ट्रेन चला रही है. जिससे पैसेंजर्स की बढ़ती संख्या को सुविधा दी जा सके. 

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