Real Estate: विदेशी निवेशकों को खूब पसंद आ रहा भारत का रियल एस्टेट बाजार, सालभर में आया कुल 55783 करोड़ का निवेश
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Real Estate: विदेशी निवेशकों को खूब पसंद आ रहा भारत का रियल एस्टेट बाजार, सालभर में आया कुल 55783 करोड़ का निवेश

रियल एस्टेट सेक्टर किसी भी देश की इकोनॉमी का बड़ा फैक्टर होता है. जिस देश का रियल एस्टेट सेक्टर जितना मजबूत वो देश उतनी तरक्की करता है. कोविड के बाद चीन की अर्थव्यवस्था में मची उधल-पुथल के दौरान देखा था कि कैसे वहां रियल एस्टेट सेक्टर धड़ाशायी हो गया.

Real Estate: विदेशी निवेशकों को खूब पसंद आ रहा भारत का रियल एस्टेट बाजार, सालभर में आया कुल 55783 करोड़ का निवेश

Real Estate: रियल एस्टेट सेक्टर किसी भी देश की इकोनॉमी का बड़ा फैक्टर होता है. जिस देश का रियल एस्टेट सेक्टर जितना मजबूत वो देश उतनी तरक्की करता है. कोविड के बाद चीन की अर्थव्यवस्था में मची उधल-पुथल के दौरान देखा था कि कैसे वहां रियल एस्टेट सेक्टर धड़ाशायी हो गया. भारत के लिए इस सेक्टर को लेकर अच्छी खबर है. भारत का रियल एस्टेट तेजी से बढ़ रहा है. इस सेक्टर में निवेश भी बढ़ रहे हैं.  

रियल एस्टेट सेक्टर में निवेश  

इंडस्ट्रियल और वेयरहाउसिंग सेगमेंट के नेतृत्व में भारतीय रियल एस्टेट में संस्थागत निवेश 2024 में 6.5 बिलियन डॉलर के स्तर को छू गया, जो पिछले साल के 5.4 बिलियन डॉलर से 22 प्रतिशत की शानदार वृद्धि है. यह जानकारी सोमवार को जारी एक रिपोर्ट में दी गई. कोलियर्स इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, कुल मिलाकर 4.3 बिलियन डॉलर के विदेशी निवेश ने वार्षिक रियल एस्टेट निवेश को 66 प्रतिशत तक बढ़ाया, जबकि घरेलू निवेश में भी लगातार वृद्धि देखी गई, जो वर्ष के दौरान 27 प्रतिशत बढ़ा.  

मुंबई में निवेश  

मुंबई में लगभग 1.6 बिलियन डॉलर का निवेश हुआ, जो पिछले साल देश में रियल एस्टेट निवेश का 24 प्रतिशत था. बेंगलुरु, चेन्नई और दिल्ली-एनसीआर में निवेश प्रवाह भी स्थिर रहा और वर्ष के दौरान प्रत्येक में 8-9 प्रतिशत का योगदान रहा. 2024 की चौथी तिमाही विशेष रूप से मजबूत रही, जिसमें निवेश 1.9 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया.  यह 2023 की इसी अवधि की तुलना में 2.3 गुना वृद्धि है. विशेष रूप से, घरेलू निवेश 2024 की चौथी तिमाही में महत्वपूर्ण थे और अंतिम तिमाही के दौरान प्रवाह का 43 प्रतिशत हिस्सा था.  

इंडस्ट्रियल और वेयरहाउसिंग सेगमेंट ने पिछले साल कुल रियल एस्टेट निवेश मात्रा में सबसे अधिक 39 प्रतिशत हिस्सा लिया, जो ऑफिस सेगमेंट से आगे निकल गया. मैन्युफैक्चरिंग और इंडस्ट्रियल विकास मजबूत रहा और विनिर्माण क्रय प्रबंधक सूचकांक (पीएमआई) और औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) जैसे मैक्रो-इकोनॉमिक संकेतकों के प्रदर्शन में नजर आया.  

हाउसिंग सेक्टर में निवेश 

1.1 बिलियन डॉलर पर, आवासीय सेगमेंट में भी पर्याप्त वृद्धि देखी गई, जो 2023 के स्तर की तुलना में 46 प्रतिशत बढ़ा. कोलियर्स इंडिया के मुख्य कार्यकारी अधिकारी बादल याग्निक ने कहा,  दिलचस्प बात यह है कि एपीएसी निवेशकों ने वर्ष के दौरान देश के रियल एस्टेट में लगभग एक-तिहाई विदेशी प्रवाह को आगे बढ़ाया. आगे देखते हुए, बुनियादी ढांचे के विकास और 'मेक इन इंडिया' पहल पर सरकार के जोर के बीच टियर-1 शहर अधिकांश पूंजी आकर्षित करना जारी रखेंगे.  

याग्निक ने कहा कि वैश्विक निवेशकों का विश्वास बढ़ने की संभावना है, साथ ही 2025 में ऑफिस, रेंजिडेंशियल और इंडस्ट्रियल एसेट्स में डॉमेस्टिक प्लेयर्स की ओर से पूंजी निवेश में वृद्धि देखने को मिल सकती है. रिपोर्ट के अनुसार, इंडस्ट्रियल और वेयरहाउसिंग सेगमेंट में बढ़ता निवेश स्वस्थ घरेलू गतिविधि, लॉजिस्टिक्स दक्षता में वृद्धि और वैश्विक विनिर्माण केंद्र के रूप में भारत की बेहतर होती क्षमताओं का प्रमाण है. 

वर्ष के दौरान इस सेगमेंट में कुल प्रवाह का 80 प्रतिशत से अधिक विदेशी निवेश से आया. कोलियर्स इंडिया के वरिष्ठ निदेशक और शोध प्रमुख विमल नादर ने कहा कि बेहतर गुणवत्ता वाले ग्रेड ए विकास और विकसित सप्लाई-चेन मॉडल की बढ़ती मांग निवेशकों को देश में इंडस्ट्रियल और वेयरहाउसिंग एसेट्स को मजबूत करने के लिए प्रोत्साहित करती रहेगी. आईएएनएस

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