LIC को मिली बड़ी राहत, 25% मिनिमम शेयरहोल्डिंग के लिए मिला 10 साल का समय
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LIC को मिली बड़ी राहत, 25% मिनिमम शेयरहोल्डिंग के लिए मिला 10 साल का समय

LIC Share Price: देश की सबसे बड़ी बीमा कंपनी लाइफ इंश्योरेंस कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (Life Insurance Corporation of India) के लिए राहत की खबर है. एलआईसी के लिए 25 फीसदी न्यूनतम पब्लिक फ्लोट नियमों को लेकर राहत मिल गई है. 

LIC को मिली बड़ी राहत, 25%  मिनिमम शेयरहोल्डिंग के लिए मिला 10 साल का समय

LIC Share Price: देश की सबसे बड़ी बीमा कंपनी लाइफ इंश्योरेंस कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (Life Insurance Corporation of India) के लिए राहत की खबर है. एलआईसी के लिए 25 फीसदी न्यूनतम पब्लिक फ्लोट नियमों को लेकर राहत मिल गई है. अब पब्लिक शेयर होल्डिंग 25 फीसदी तक लाने के लिए एलआईसी को 10 साल का समय मिल गया है.

बता दें एलआईसी अब 2032 तक पब्लिक शेयर होल्डिंग को घटाकर 75 फीसदी तक ला सकती है. एलआईसी में पब्लिक शेयर होल्डिंग केवल 2.55 फीसदी है. सेबी के मिनिमम पब्लिक-शेयरहोल्डिंग नियमों के तहत, 1 लाख करोड़ रुपये से अधिक वैल्युएशन वाली लिस्टिंग संस्थाओं को पांच साल के अंदर कम से कम 25 फीसदी सार्वजनिक शेयरहोल्डिंग की जरूरत होती है.

LIC को मिला है 10 साल का समय

आपको बता दें स्टॉक एक्सचेंज पर लिस्टेड कंपनियों को पब्लिक शेयर होल्डिंग को करीब 25 फीसदी रखना अनिवार्य होता है. फिलहाल बड़ी कंपनियों को स्टॉक एक्सचेंज पब्लिक शेयरहोल्डिंग को 25 फीसदी तक लाने के लिए 5 साल तक का समय देती है. लेकिन LIC को इस काम के लिए 10 साल का समय दिया गया है.

पहले एलआईसी के पास 2027 तक का था समय

LIC के शेयरों की लिस्टिंग स्टॉक मार्केट में 17 मई 2022 को हुई थी. इस वजह से पहले एलआईसी को 2027 तक मिनिमम पब्लिक शेयर होल्डिंग को 25 फीसदी तक लाना था, लेकिन अब 10 साल का समय मिलने के बाद में यह काम कंपनी को 2032 तक पूरा करना है.

किसके पास है LIC की कितनी हिस्सेदारी?

इस समय सरकार के पास में एलआईसी की करीब 96.5 फीसदी हिस्सेदारी है. इसके अलावा 2.55 फीसदी हिस्सेदारी पब्लिक शेयर होल्डर्स के पास है. वहीं, 0.1 फीसदी हिस्सेदारी विदेशी निवेशकों के पास है और घरेलू संस्थागत निवेशकों के पास 0.84 फीसदी हिस्सेदारी है.

96.5 फीसदी से घटाकर 75 फीसदी करनी है हिस्सेदारी

आपको बता दें अगले 10 सालों में एलआईसी को पब्लिक शेयरहोल्डिंग को 96.5 फीसदी से घटाकर 75 फीसदी तक लाना होगा. सरकार अगले 10 सालों में एलआईसी के शेयर्स को एफपीओ, ऑफर फॉर सेल के जरिए बेच सकती है. 

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