RBI के इस फैसले का असर मोबिक्विक के IPO पर भी पड़ सकता है, क्योंकि वित्त वर्ष 24 में कंपनी की आय का एक बड़ा हिस्सा चल रहे लोन पर मिलने वाली ब्याज से आया है.
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Mobikwik IPO: P2P लेंडिंग को लेकर रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के नए नियमों के बाद फिनटेक कंपनी मोबिक्विक के इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग (IPO) पर संकट के बादल छाए हुए हैं. 16 अगस्त से आरबीआई के लागू नए नियमों से कंपनी के कारोबार पर असर पड़ने की संभावना है.
दरअसल, आरबीआई ने नए नियमों के तहत पीयर-टू-पीयर (पी2पी) लेंडिंग में 'कभी भी पैसा निकालने की सुविधा' बंद कर दी है और निवेशकों को पैसा हर महीने एक निश्चित तारीख को ब्याज के साथ तभी मिलेगा, जब उधारकर्ता की ओर से किस्त का भुगतान किया जाए. इस कारण मोबिक्विक के लेंडिंग साझेदार लेंडबॉक्स ने यूजर्स को दी जाने वाली फ्लेक्सी निकासी की सुविधा को समाप्त कर दिया है और बहुत सारे यूजर्स पी2पी लेंडिंग में फंस गए हैं.
RBI के निर्देश के बाद करना पड़ा पुनर्गठन
एक रिपोर्ट में मोबिक्विक के प्रवक्ता की ओर से दिए गए बयान के मुताबिक, 16 अगस्त, 2024 को पी2पी-एनबीएफसी मास्टर निर्देशों में आरबीआई के संशोधन के बाद, लेंडबॉक्स को पी2पी लेंडिंग उत्पाद का पुनर्गठन करना पड़ा, जिसके परिणामस्वरूप अन्य परिवर्तनों के अलावा 'किसी भी समय निकासी' की सुविधा को बंद किया गया है.
प्रवक्ता ने आगे कहा कि केंद्रीय बैंक द्वारा अपडेट किए गए मास्टर निर्देशों ने अनिवार्य किया कि उधारदाताओं को लोन चुकाने पर केवल मैप किए गए उधारकर्ताओं से प्राप्त वास्तविक पुनर्भुगतान से की जा सकती है. आरबीआई के इस फैसले का असर कंपनी के आईपीओ पर भी पड़ सकता है, क्योंकि वित्त वर्ष 24 में कंपनी की आय का एक बड़ा हिस्सा चल रहे लोन पर मिलने वाली ब्याज से आया है.
IPO लाने की तैयारी कर रही कंपनी
वित्त वर्ष 24 में कंपनी की परिचालन आय 875 करोड़ रुपये थी और इस दौरान कंपनी को 14 करोड़ रुपये का मुनाफा हुआ था. वहीं, वित्त वर्ष 23 में कंपनी की परिचालन आय 539 करोड़ रुपये की थी. इस दौरान कंपनी को 84 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था. फिनटेक फर्म मोबिक्विक आईपीओ लाने की तैयारी कर रही है. सितंबर में कंपनी को भारतीय प्रतिभूति विनिमय बोर्ड (सेबी) से 700 करोड़ रुपये का आईपीओ लाने की मंजूरी मिली थी.
जानकारी के मुताबिक, यह पूरा आईपीओ फ्रेश इश्यू होगा. कंपनी की योजना वित्तीय सेवा कारोबार के विस्तार के लिए 250 करोड़ रुपये, भुगतान सेवा क्षेत्र में वृद्धि के लिए 135 करोड़ रुपये, डेटा, मशीन लर्निंग, एआई और प्रौद्योगिकी में निवेश के लिए 135 करोड़ रुपये निवेश करने की है.