केंद्र सरकार ने 1 जनवरी से ही 'वन नेशन वन राशन कार्ड' लागू कर दिया है.
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रोजी-रोटी के लिए अपना घर गांव छोड़कर दूसरे राज्यों में रोजगार की तलाश में जाने वाले लोगों के लिए नए साल में मोदी सरकार (Modi Govt) ने शानदार तोहफा दिया है. केंद्र सरकार ने 1 जनवरी से ही 'वन नेशन वन राशन कार्ड' लागू कर दिया है. देश के कुल 12 राज्यों से इसकी शुरुआत हो रही है. पहले चरण में आंध्रप्रदेश, तेलंगाना, गुजरात, महाराष्ट्र, हरियाणा, राजस्थान, कर्नाटक, केरल, मध्यप्रदेश, गोवा, झारखंड और त्रिपुरा से एक राष्ट्र एक राशनकार्ड की सुविधा की शुरुआत की गई है।
कहीं से भी लो राशन
केंद्र सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार इन 12 राज्यों के निवासी अपने राशनकार्ड से अपने हिस्से का राशन ले सकते हैं. इस सेवा का लाभ फिलहाल उन राज्यों में नहीं लिया जा सकता जहां 'वन नेशन वन राशन कार्ड' अभी लागू नहीं हुआ है. मतलब उपर बताए गए राज्यों के निवासी एक-दूसरे के राज्य में ही ये लाभ प्राप्त करने के लिए वैध है.
जून 2020 तक 20 राज्यों में शुरू हो जाएगी योजना
सरकार की योजना है कि 'वन नेशन वन राशन कार्ड' के इस साल के जून महीने तक पूरे देश में लागू कर दिया जाए. हालांकि पहले इसे शुरू करने के लिए 15 जनवरी का समय बताया गया था लेकिन योजना को 1 जनवरी से ही लागू कर दिया गया है.
उल्लेखनीय है कि देश में कुल 79 करोड़ लोगों के पास राशन कार्ड हैं. इन 12 राज्यों में वन नेशन वन राशन कार्ड से 35 करोड़ लोगों को फायदा मिलेगा. जून 2020 में कुल 20 राज्यों में ये लागू हो जाएगा. इस योजना से एक राज्य से दूसरे राज्य में जाकर काम करने वाले कम आमदनी वाले लोगों को सबसे ज्यादा फायदा मिलेगा. ये आधार लिंक कार्ड हैं. ई प्वाइंट ऑफ सेल के ज़रिए ये फायदा मिलेगा. मोदी सरकार वन नेशन वन राशन कार्ड को संभव बनाने के लिए 880 करोड़ रुपए कंप्यूटराइजेशन पर खर्च कर रही है.