अब आपके वाट्सऐप पर आएगा बिजली का बिल, जल्द यहां मिलेगी ग्राहकों को ये सुविधा
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अब आपके वाट्सऐप पर आएगा बिजली का बिल, जल्द यहां मिलेगी ग्राहकों को ये सुविधा

मध्यप्रदेश देश का पहला ऐसा राज्य बनने जा रहा है, जहां बिजली उपभोक्ता को पेपरलेस बिल यानी ई-बिल दिए जाएंगे. ई बिल की ये व्यवस्था पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर अप्रैल में लागू होगी. शुरुआती तौर पर ये व्यवस्था भोपाल, जबलपुर, इंदौर और ग्वालियर में शुरू होगी. 

 

प्रतीकात्मक फोटो

भोपाल: अगर आप मध्यप्रदेश में रहते हैं, तो आपके लिए एक खुशखबरी है. अब आपके बिजली के बिल आपके मोबाइल पर मिला करेंगे. राज्य में बिजली उपभोक्ताओं को पेपरलेस बिल जल्द ही मिलने लगेंगे. मध्यप्रदेश के प्रमुख सचिव ऊर्जा संजय दुबे ने कहा है कि विद्युत वितरण कंपनि‍यां जल्द ही उपभोक्ताओं को कागज विहीन बिल (पेपरलेस) उपलब्ध करवाएंगी. बिजली उपभोक्ताओं को एसएमएस, वाट्सऐप और ई मेल के माध्यम से बिजली बिल मिलेंगे. बिजली के बिल पीडीएफ फार्मेट में भी रहेंगे और उपभोक्ता की बिजली खपत सहित पूरी जानकारी रहेगी.

  1. मध्यप्रदेश में लागू होगी पेपरलेस बिल की व्यवस्था
  2. राज्य के मुख्य ऊर्जा सचिव ने दी जानकारी
  3. शुरुआती तौर पर अप्रैल में 4 जगहों पर लागू होगी व्यवस्था

ऊर्जा विभाग के मुख्य सचिव ने दी जानकारी

जानकारी के अनुसार, ऊर्जा विभाग के मुख्य सचिव संजय दुबे जबलपुर में बिजली कंपनियों की समीक्षा बैठक में पहुंचे थे. उन्होंने कहा कि पेपरलेस बिलिंग की व्यवस्था बिजली महकमे में क्रांतिकारी बदलाव लाएगी जिसमें बिजली उपभोक्ता और कंपनियों दोनों को फायदा होगा. ये सिस्टम शुरू होने के बाद मध्यप्रदेश देश का पहला ऐसा राज्य बन जाएगा जहां बिजली उपभोक्ता को पेपरलेस बिल यानी ई-बिल दिए जाएंगे.

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उपभोक्ता के मोबाइल पर भेजा जाएगा बिल

ऊर्जा सचिव ने बताया कि बिल डिजिटल देने से बिल जो कागज में प्रिंट करवाना पड़ता है उसका खर्च और समय दोनों की बचत होगी. उपभोक्ता के पास बिल पहुंचने में अभी 8-10 दिन का वक्त लगता है. पहले रीडिंग फिर बिल बांटने में दोहरा श्रम भी खर्च होता है इसलिए व्यवस्था में बदलाव किया जा रहा है ताकि उपभोक्ता को जहां सीधे उसके मोबाइल पर बिल उपलब्ध होगा ताकि बिल की राशि भी समय पर जमा हो सके.

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पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर अप्रैल में लागू होगी व्यवस्था

ई बिल की ये व्यवस्था पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर अप्रैल में लागू होगी. शुरुआती तौर पर ये व्यवस्था भोपाल, जबलपुर, इंदौर और ग्वालियर में शुरू होगी. इस सिस्टम के लागू होने के बाद हर महीने बिलों की स्टेशनरी पर खर्च होने वाले लाखों रुपये बचेंगे. साथ ही उपभोक्ताओं को ऑनलाइन पेमेंट करने पर छूट भी मिलेगी.

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