Cryptocurrency में निवेश करने वाले हो जाएं अलर्ट, ऐप से लोगों को ऐसे ठगा जा रहा
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Cryptocurrency में निवेश करने वाले हो जाएं अलर्ट, ऐप से लोगों को ऐसे ठगा जा रहा

Mumbai Police: इस कंपनी ने ऐप ने बंद कर दिया और उनकी जितने भी पैसे थे वह डूब गए. कई लोग हैं जिन्होंने लाखों रुपये लगाए हैं. ऐसे ही एक पीड़ित रुची पांडे ने MIDC पुलिस स्टेशन में अपना बयान दर्ज कराया है और उनके स्टेटमेंट पर FIR भी हुई है.

Cryptocurrency में निवेश करने वाले हो जाएं अलर्ट, ऐप से लोगों को ऐसे ठगा जा रहा

Cryptocurrency: जुलाई से लेकर सितंबर तक, मुंबई के अंधेरी के रहने वाले एक विक्टिम ने नियंत्रित तौर पर एक ऐप में पैसे डाले. शुरुआत में उन्होंने 4,000 और 40,000 से की थी, लेकिन जब उन्हें कहा गया कि उन्हें 20-25% ब्याज मिलेगा और उन्होंने देखा कि उनके अकाउंट में पैसे बढ़ रहे हैं, वैसे उन्होंने और ज्यादा पैसे निवेश करना शुरू किया. वो उनकी बीवी के नाम पर भी इन्वेस्ट करने वाले थे, लेकिन थम गए, जिस से उनके ज्यादा पैसे नहीं गए. 

कई लोगों के डूबे पैसे

फिलहाल उनके 6 लाख रुपये डूब गए हैं, इसीलिए वह पुलिस स्टेशन की ठोकरे खा रहे हैं ताकि वह शिकायत दर्ज करा सकें. उनकी तरह पूरे भारत में तक़रीबन 20,000 ऐसे लोग हैं जिन्हें एक व्यक्ति ने यह कहकर कॉल किया कि वह US से और उन्हें रोबोट और क्रिप्टोक्ररेंसी की कंपनी में निवेश करने पर अच्छा पैसा वापस मिलेगा.

ऐसे कई लोगों ने लाखों में पैसे इन्वेस्ट किया, लेकिन सितंबर ख़त्म होते ही, इस  कंपनी ने ऐप ने बंद कर दिया और उनकी जितने भी पैसे थे वह डूब गए. इनके जैसे कई और लोग हैं जिन्होंने लाखों रुपये लगाए हैं. ऐसे ही एक पीड़ित रुची पांडे ने MIDC पुलिस स्टेशन में अपना बयान दर् कराया है और उनके स्टेटमेंट पर FIR भी हुई है. 

इस क्रिप्टो ट्रेडिंग ऐप का नाम ECE लिमिटेड है, जहां हजारों लोगों ने करोड़ों रुपये का निवेश किया है.कई महीनों से निवेश करने के बाद यह ऐप न केवल ऐप स्टोर से गायब हो गया है, बल्कि 26 सितंबर से काम करना भी बंद कर दिया है.  पीड़ितों ने ना सिर्फ़ अपने पैसे निवेश किए थे, बल्कि अपने जान-पहचान वालों को भी इसमें निवेश करने को कहा था.

रुचि और उनके परिवार ने 8 लाख रुपये से अधिक का निवेश किया है. लेकिन अब, जब वे ऐप पर लॉग इन करते हैं तो यह उनके खाते की शेष राशि को शून्य दिखाता है. सभी पीड़ितो को टेलीग्राम के ज़रिए जोड़ा गया था, जिसका नाम ईसीई इंडियन कम्युनिटी था, जिसमें 19,000 से अधिक सदस्य थे. 
जब ऐप बंद हुआ तब यह ग्रुप भी बंद कर दिया गया.

अनुमान के मुताबिक, कंपनी ने सैकड़ों करोड़ रुपये का चूना लगाया है. पीड़ितों में से कई ने कहा कि उन्होंने अपने जीवन की बचत का उपयोग किया है, कुछ ने ऋण भी लिया है, क्योंकि ऐप ने उच्च रिटर्न का वादा किया था.

मुंबई में MIDC पुलिस स्टेशन की साइबर टीम इस मामले की जांच कर रही है. पुलिस ने कहा कि इस कंपनी ने निवेशकों को लुभाने के लिए उच्च रिटर्न और लाभ का वादा किया. पहले उन्होंने उन्हें मुनाफा वापस लेने दिया, लेकिन चूंकि इसमें उच्च रिटर्न था, इसलिए अधिक से अधिक लोगों ने निवेश करना शुरू कर दिया. इस कंपनी ने उन लोगों को 200-अमेरिकी डॉलर का बोनस भी दिया.

अब पुलिस यह जांच कर रही है कि क्या वाक़ई में यह पैसे क्रिप्टोकरेंसी में निवेश किए जा रहे थे, या इन पीड़ित को चुना लगाया गया है. इस केस पर एक्सपर्ट्स का यह कहना है कि कभी भी किसी को भी ऐप के माध्यम से निवेश करना हो तो, उन्हें पहले यह देखना चाहिए कि ऐप का मालिक कौन है. ये विवरण प्ले स्टोर या ऐप स्टोर पर पाए जा सकते हैं क्योंकि उन्हें अपने प्लेटफॉर्म पर ऐप उपलब्ध कराने से पहले कंपनी और मालिक के बारे में डिटेल्स देने पड़ते हैं. यह भी देखना जरुरी है कि ऐप कितने समय से उपयोग में है. यदि यह एक बहुत ही नया ऐप है, तो उन्हें इसमें निवेश नहीं करना चाहिए.

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