मोदी सरकार ने शुरु किया राष्ट्रीय ब्रॉडबैंड मिशन, तेज बनेगा इंडिया
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मोदी सरकार ने शुरु किया राष्ट्रीय ब्रॉडबैंड मिशन, तेज बनेगा इंडिया

मोदी सरकार ने साल 2022 तक देश के सभी गांवो में ब्रॉडबैंड सेवा उपलब्ध कराने के लिये मंगलवार को राष्ट्रीय ब्रॉडबैंड मिशन (एनबीएम ) की शुरुआत की. इस मिशन का मुख्य मकसद डिजिटल संचार की गति को तेज करना, डिजिटल अंतर को कम करना, डिजिटल सशक्तिकरण  और सबको सुगम डिजिटल सेवा उपलब्ध कराना है.

प्रतीकात्मक तस्वीर....

मोदी सरकार ने साल 2022 तक देश के सभी गांवो में ब्रॉडबैंड सेवा उपलब्ध कराने के लिये मंगलवार को राष्ट्रीय ब्रॉडबैंड मिशन (एनबीएम ) की शुरुआत की. इस मिशन का मुख्य मकसद डिजिटल संचार की गति को तेज करना, डिजिटल अंतर को कम करना, डिजिटल सशक्तिकरण  और सबको सुगम डिजिटल सेवा उपलब्ध कराना है.

लाल किले से किया था प्रधानमंत्री ने घोषणा
बताते चलें कि इसी साल 15 अगस्त को लाल किले से देश को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय ब्रॉडबैंड मिशन का जिक्र किया था. आज उसी राष्ट्रीय ब्रॉडबैंड मिशन की शुरुआत केंद्रीय दूरसंचार मंत्री रविशंकर प्रसाद ने किया. रविशंकर प्रसाद ने इस मौके पर कहा कि इस मिशन के जरिये देशभर, खासकर ग्रामीण और दूर दराज के  क्षेत्रो में ब्रॉडबैंड सुविधा सस्ता और सर्वसुलभ करना है.

उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगातार कहते रहे हैं कि देश के अंतिम छोर पर बैठे व्यक्ति तक सरकार की सेवा निर्बाध तरीके से पहुंचना चाहिये. उसको ध्यान में रखते हुए दूरसंचार मंत्रालय ने 2024 तक प्रति हजार की जनसंख्या पर टावर घनत्व को मौजूदा 0.4 2 से बढ़ाकर 1.0 करने का लक्ष्य रखा है. इसके लिये 30 लाख किलोमीटर इंक्रीमेंटल ऑप्टिकल फाइबर केबल बिछाया जायेगा. 70000 करोड़ रूपये के इस राष्ट्रीय ब्रॉडबैंड मिशन के लिये पैसे की व्यवस्था सार्वभौमिक सेवा दायित्व निधि (यूएसओएफ) से किया जायेगा. इसके अलावा अन्य स्टॉकहोल्डरो से 100 बिलियन यूएस डॉलर (7 लाख करोड़ रूपये) का निवेश करने का मिशन बनाया गया है.

मिशन का विशेष लोगो भी लांच 
इस दौरान केंद्रीय दूरसंचार मंत्री रविशंकर प्रसाद ने इस राष्ट्रीय मिशन का विशेष लोगो भी लांच किया. सरकार की कोशिश है कि इस मिशन के तहत देशभर में ऑप्टिकल फाइबर केबल और टावर सहित "डिजिटल संचार नेटवर्क " का "डिजिटल फाइबर मैप" भी तैयार किया जायेगा.दूरसंचार के पैरामीटर पर अगर 2014 के बाद और उसके पहले की तुलना करें तो इस क्षेत्र में कई गुणा बढ़ोतरी हुई है. जैसे की 2014 में मोबाइल उपभोक्ताओं की संख्या जहां लगभग 907 मिलियन था. वही 2019 में ये संख्या 30 प्रतिशत बढ़कर 1173 मिलियन हो गया है.

इंटरनेट उपभोक्ताओं की संख्या 2014 के 251 मिलियन से बढ़कर 2019 में 665 मिलियन हो गया है. ये बढ़ोतरी 165 फीसदी है. ब्रॉडबैंड उपभोक्ताओं कि संख्या में तो 530 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है. यह संख्या 2014 के 99.2 मिलियन से बढ़कर 625.42 मिलियन हो गया है. उसी तरह डाटा उपयोग (प्रति माह, प्रति उपभोक्ता जीबी में ) जो 2014 में  0.80 जीबी से भी कम था, आज 2019 में ये 1120 प्रतिशत बढ़कर 9.77 जीबी हो गया है.

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