Agro Chemical: चीन दे रहा है कंपटीशन, भारत में बढ़ सकता है ये कारोबार, नीति आयोग ने जताई उम्मीद
Advertisement

Agro Chemical: चीन दे रहा है कंपटीशन, भारत में बढ़ सकता है ये कारोबार, नीति आयोग ने जताई उम्मीद

Agro Chemical in India: एग्रोकेमिकल्स को विशेष रसायनों में गिना जाता है. सिलिकॉन स्प्रेडर्स का उपयोग करके कृषि रसायनों के प्रदर्शन को बढ़ाया जा सकता है जो बेहतर कवरेज, आसंजन और समग्र दक्षता प्रदान करते हैं. ऐसे में आइए जानते हैं एग्रोकेमिकल्स इंडस्ट्री के बारे में ताजा अपडेट...

Agro Chemical: चीन दे रहा है कंपटीशन, भारत में बढ़ सकता है ये कारोबार, नीति आयोग ने जताई उम्मीद

Indian Agro Chemical Industry: भारत देश लगातार प्रगति कर रहा है. वहीं विश्व भी लगातार भारत में इंवेस्टमेंट करने के उद्देश्य से काम कर रहा है. इस बीच भारत को लेकर अहम जानकारी आई है और इससे देश के एक सेक्टर के कारोबार में इजाफा होने का अनुमान लगाया जा रहा है. दरअसल, नीति आयोग के सदस्य रमेश चंद ने कहा कि भारत के कृषि-रसायन उद्योग में चीन से प्रतिस्पर्धा के बावजूद मौजूदा नौ प्रतिशत से अधिक बढ़ने की क्षमताएं हैं.

जैव कीटनाशकों का इस्तेमाल
चंद ने कहा कि कई पश्चिमी देश कृषि रसायनों के स्थान पर अब जैव कीटनाशकों का इस्तेमाल कर रहे हैं और भारतीय उद्योग को इस पहलू पर ध्यान देने की जरूरत है. उन्होंने एग्रो केम फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसीएफआई) से कृषि रसायनों के व्यापार को आसान बनाने पर एक प्रस्ताव लाने का आग्रह किया.

नीति आयोग
नीति आयोग के सदस्य चंद ने बुधवार को राष्ट्रीय राजधानी में एसीएफआई की छठी वार्षिक आम बैठक के अवसर पर एक चर्चा के दौरान यह बात कही. उन्होंने कहा, ‘‘ कृषि रसायन उद्योग ने नौ प्रतिशत की उल्लेखनीय वृद्धि हासिल की है. इस वृद्धि दर का अधिकतर हिस्सा कोविड-19 वैश्विक महामारी के वर्षों के दौरान हासिल हुआ जब उत्पादन गतिविधियां गंभीर रूप से प्रभावित थीं.’’

प्रभावशाली वृद्धि
चंद ने कहा कि आर्थिक और उत्पादन व्यवधानों के बावजूद घरेलू कृषि रसायन उद्योग ने 2017-18 और 2022-23 के बीच प्रभावशाली वृद्धि की. उन्होंने कहा, ‘‘हम इस वृद्धि दर को आसानी से नौ प्रतिशत से अधिक भी बढ़ा सकते हैं.’’ बता दें कि एग्रोकेमिकल से मतलब औद्योगिक कृषि में उपयोग किया जाने वाला एक रासायनिक उत्पाद से है. कृषि रसायन जैवनाशी (कीटनाशक, शाकनाशी, कवकनाशी और नेमाटीनाशक सहित कीटनाशक) और सिंथेटिक उर्वरकों के संदर्भ में इस्तेमाल किया जाता है. इसमें हार्मोन और अन्य रासायनिक विकास एजेंट भी शामिल हो सकते हैं. (इनपुट: भाषा)

Trending news