महंगाई से यूरोप के 19 देश परेशान हैं. यहां तेल-गैस के दामों में 40 प्रतिशत की बढ़ोतरी हो गई है. खाने से लेकर तंबाकू और शराब तक के दाम बढ़ रहे हैं.
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Petrol-Diesel Domestic price Hike: महंगाई से भारत की जनता ही नहीं, यूरोप के लोग भी परेशान हैं. यूरोप में महंगाई इतनी बढ़ रही है कि पेट्रोल-डीजल और खाना पकाने के गैस के दाम एक महीने में 40 फीसदी तक बढ़ गए हैं. इसके अलावा खाद्य पदार्थ, तंबाकू और शराब के दामों में भी 10 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई है.
भारत से भी ज्यादा है इन देशों में महंगाई
यूरोप के कई ऐसे देश हैं, जहां महंगाई दर भारत से भी ज्यादा है. भारत में फिलहाल खुदरा मुद्रास्फीति दर (Retail Inflatio) 7.01 फीसदी है. वहीं यूरोप में महंगाई ने 25 साल के रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं. यूरोप के देशों में महंगाई दर 8.09 फीसदी तक पहुंच गयी है. यूरोप के देश तेल-गैस के लिए बड़े स्तर पर रूस और यूक्रेन पर निर्भर हैं. युद्ध के बाद से ही आपूर्ति में कमी आई है. इन यूरोपियन देशों की अर्थव्यवस्था इतनी खराब हो गई है कि अप्रैल से जून तिमाही में इन देशों की अर्थव्यवस्था सिर्फ 0.7 फीसदी बढ़ी है. लेकिन इन देशों में राहत की खबर यह है कि वहां कोरोना लॉकडाउन के बाद से बेरोजगारी कम हो गई है. कई अर्थशास्त्री मान रहे हैं कि यूरोपियन देशों की अर्थव्यवस्था मंदी में नहीं जाएगी.
तेल-गैस के दामों ने बढ़ा रखी है चिंता
तेल-गैस के दाम एक महीने में 39.7 फीसदी तक बढ़ गए. बढ़ी मात्रा में यूरोप के देश तेल और गैस रूस से खरीदते हैं. युद्ध शुरू हुआ तभी से ही यूरोपियन देशों ने रूस पर पाबंदी लगा रखी है. सर्दी का मौसम आने वाला है. जाड़े के समय में ढंडी होने की वजह से यूरोप में तेल और गैस की मांग बढ़ जाती है. अगर जल्दी हालात सामान्य नहीं होते हैं तो यूरोप के लोगों को तेल गैस की कमी होने वाली है. इन देशों की सरकारों ने अभी से ही लोगों को गैस का उपयोग 15 फीसदी तक कम करने के लिए कहा है. हालात इतने खराब हो गए हैं कि ये यूरोपियन देश रूस और मौसम पर निर्भर है.
महंगाई पर लगाम लगाने के लिए बढ़ा रहे हैं ब्याज दर
05 अगस्त को ही आरबीआई गवर्नर ने घोषणा कर दी कि रेपो रेट में 0.50 फीसदी की बढ़ोतरी की गई है. इसकी वजह बताई जा रही है कि इससे देश में महंगाई कम होगी. कुछ इसी तरह का कदम यूरोप के देशों ने भी कदम उठाया है. दशकों बाद यूरोप में इतनी ब्याज दर बढ़ाई गई है. इसे आगे भी बढ़ाये जाने की बात कुछ अर्थशास्त्री कह रहे हैं.
कौन हैं ये 19 देश जो महंगाई से हैं परेशान?
इन सभी देशों में यूरो करेंसी चलती है. इसलिए इन्हें यूरोजोन कंट्री भी कहते हैं. ये हैं वो 19 देश- बेल्जियम, जर्मनी, आयरलैंड, स्पेन, फ्रांस, इटली, लक्सेम्बर्ग, नीदरलैंड, ऑस्ट्रिया, पुर्तगाल, फ़िनलैंड, ग्रीस, स्लोवेनिया, साइप्रस, माल्टा, स्लोवाकिया, एस्तोनिया, लाटविया और लिथुआनिया.
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