Onion Price Hike: सरकार ने इस साल 28 अक्टूबर से 31 दिसंबर तक प्याज के निर्यात पर 800 डॉलर प्रति टन का न्यूनतम निर्यात मूल्य तय किया था. इसके पहले अगस्त में प्याज पर 31 दिसंबर तक 40 प्रतिशत निर्यात शुल्क लगाया था.
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Onion Export News: प्याज की बढ़ती कीमत से राहत देने के लिए सरकार की तरफ से कदम उठाया गया है। सरकार ने प्याज की घरेलू उपलब्धता बढ़ाने और कीमत पर काबू पाने के लिए अगले साल मार्च तक प्याज के निर्यात पर पाबंदी लगा दी है। विदेश व्यापार महानिदेशालय (DGFT) ने एक नोटिफिकेशन जारी कर कहा कि प्याज की निर्यात नीति को 31 मार्च, 2024 तक मुक्त से प्रतिबंधित श्रेणी में कर दिया गया है. दिल्ली में स्थानीय सब्जी विक्रेता 70-80 रुपये प्रति किलोग्राम पर प्याज बेच रहे हैं. इसकी वजह से आम उपभोक्ताओं का बजट बिगड़ने लगा है.
खुदरा बाजार में 25 रुपये किलो बेची थी प्याज
इससे पहले अक्टूबर में केंद्र सरकार ने उपभोक्ताओं को राहत देने के लिए खुदरा बाजारों में 25 रुपये प्रति किलो की रियायती दर पर बफर प्याज स्टॉक बेचने का फैसला किया था. सरकार ने इस साल 28 अक्टूबर से 31 दिसंबर तक प्याज के निर्यात पर 800 डॉलर प्रति टन का न्यूनतम निर्यात मूल्य (MEP) भी तय किया था. इसके पहले अगस्त में प्याज पर 31 दिसंबर तक 40 प्रतिशत निर्यात शुल्क लगाया गया था. हालांकि, डीजीएफटी ने कहा कि अन्य देशों को उनके अनुरोध के आधार पर सरकार से मंजूरी लेकर प्याज के निर्यात की अनुमति होगी.
पांच जनवरी तक निर्यात की जा सकेगी प्याज
अधिसूचना जारी होने से पहले लदान हो चुकी प्याज की खेप को निर्यात की अनुमति है. इसके अलावा नोटिफिकेशन जारी होने से पहले जिस प्याज की खेप की एक्सपोर्ट ड्यूटी सौंप दी गई और उसे इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम में दर्ज किया जा चुका है, उसके भी निर्यात की अनुमति होगी। ऐसी खेप को अगले साल पांच जनवरी तक निर्यात किया जा सकेगा. चालू वित्त वर्ष में एक अप्रैल से चार अगस्त के बीच देश से 9.75 लाख टन प्याज का निर्यात किया गया था.
निर्यात मूल्य के लिहाज से शीर्ष तीन आयातक देश बांग्लादेश, मलेशिया और संयुक्त अरब अमीरात (UAE) हैं. खरीफ फसल सत्र में प्याज की खेती के रकबे में कमी की खबरों के बीच इसके दाम चढ़ने लगे हैं. अक्टूबर के थोक महंगाई दर के आंकड़ों के अनुसार सब्जियों और आलू की महंगाई में क्रमशः 21.04 प्रतिशत और 29.27 प्रतिशत की गिरावट रही। वहीं प्याज की सालाना मूल्य वृद्धि दर 62.60 प्रतिशत के उच्चस्तर पर बनी रही.