Pakistan Economic Crisis: पाकिस्तान को जल्द ही IMF से फंड मिल सकता है. नकदी संकट से जूझ रहे पाकिस्तान इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड (IMF) के साथ तीन अरब डॉलर के राहत पैकेज के समझौते के आखिरी चरण पर पहुंच गया है.
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Pakistan IMF Package: पाकिस्तान में महंगाई चरम पर है. एक तरफ जहां खाने-पीने के सामान की कीमतें सातवें आसमान पर पहुंच रहे हैं. वहीं, देश ने एक बार फिर से फंड का जुगाड़ कर लिया है. पाकिस्तान को जल्द ही IMF से फंड मिल सकता है. नकदी संकट से जूझ रहे पाकिस्तान इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड (IMF) के साथ तीन अरब डॉलर के राहत पैकेज के समझौते के आखिरी चरण पर पहुंच गया है.
इससे पैकेज की अंतिम किस्त के तौर पर 1.1 अरब डॉलर की राशि जारी करने का रास्ता साफ हो गया है. यह समझौता आईएमएफ (IMF) के कार्यकारी बोर्ड की मंजूरी के अधीन है. IMF के कार्यकारी बोर्ड ने पिछले साल पाकिस्तान के लिए तीन अरब डॉलर की राहत व्यवस्था को मंजूरी दी थी.
पाकिस्तान के आर्थिक कार्यक्रम की दूसरी समीक्षा पर चर्चा करने के लिए नाथन पोर्टर की IMF की एक टीम ने 14-19 मार्च तक इस्लामाबाद का दौरा किया था. इस दौरान पाकिस्तानी अधिकारियों के साथ कर्मचारी स्तर के समझौते पर सहमति बनी है.
IMF ने जारी किया बयान
IMF ने एक बयान में कहा है कि यह समझौता हाल के महीनों में स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान और सरकार द्वारा लिया गया है. इसके साथ ही पाकिस्तान की स्थिति मजबूत और टिकाऊ बनाने के लिए कई नीति और सुधार प्रयासों पर काम किया जा रहा है. राहत पैकेज की पहली समीक्षा के बाद पाकिस्तान की आर्थिक और वित्तीय स्थिति में सुधार हुआ है, लेकिन आर्थिक ग्रोथ मामूली बनी हुई है और मुद्रास्फीति भी टारगेट लेवल से ऊपर है.
IMF ने यह भी कहा कि पाकिस्तान इस वित्त वर्ष में लोन को सहमत स्तर पर रखने के लिए गैस और बिजली की कीमतों में इजाफा करेगा.
बेलआउट पैकेज लेने में पाकिस्तान की रुचि
मुद्राकोष ने कहा कि नए मंत्रिमंडल के गठन के तुरंत बाद दूसरी समीक्षा होने से उम्मीद जताई जा रही है. IMF का बोर्ड अप्रैल के अंत में समीक्षा पर विचार करेगा. IMF ने यह भी घोषणा की है कि पाकिस्तान ने एक नया मध्यम अवधि का बेलआउट पैकेज लेने में इंट्रस्ट दिखाया है और आने वाले महीनों में इस पर चर्चा शुरू होगी.
ब्याज दर 22 प्रतिशत के रिकॉर्ड पर
बैंक ऑफ पाकिस्तान की तरफ से हाल ही में ब्याज दरों की समीक्षा की गई. पॉलिसी मीटिंग में लगातार छठी बार ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया गया. यह 22 फीसदी के रिकॉर्ड उच्च स्तर पर बरकरार है.
पाकिस्तान पर बढ़ा 77 फीसदी कर्ज
पाकिस्तान के कर्ज की बात की जाए तो पिछले साल जून के मुकाबले 214 अरब रुपये यानी 77 फीसदी ज्यादा है. वहीं, पाकिस्तान अब इसमें फंसता नजर आ रहा है.
इनपुट - भाषा एजेंसी के साथ