लोगों की रायः चीन से टक्कर लेने किए देश में बढ़ाना होगा मैन्युफैक्चरिंग, कच्चे माल का उत्पादन
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लोगों की रायः चीन से टक्कर लेने किए देश में बढ़ाना होगा मैन्युफैक्चरिंग, कच्चे माल का उत्पादन

इस समय पूरे देश में लोगों का गुस्सा चीन के खिलाफ है. पूरे देश में आम जनता से लेकर के व्यापारी और दुकानदार भी चीन से आने वाले उत्पादों का बॉयकाट करने के लिए कह रहे हैं.

फाइल फोटो

नई दिल्लीः इस समय पूरे देश में लोगों का गुस्सा चीन के खिलाफ है. पूरे देश में आम जनता से लेकर के व्यापारी और दुकानदार भी चीन से आने वाले उत्पादों का बॉयकाट करने के लिए कह रहे हैं. फिलहाल देश में चीन से आने वाले मोबाइल का 73 फीसदी मार्केट पर कब्जा है. इसके अलावा बड़ी मात्रा में आटोमोबाइल एक्सेसरीज मार्केट पर भी चीन का कब्जा है. ऐसे में जी मीडिया ने देश के तीन बड़े मार्केट की पड़ताल कर दुकानदारों और ग्राहकों के मन को टटोला.

  1. पूरे देश में लोगों का गुस्सा चीन के खिलाफ है
  2. दुकानदार भी चीन से आने वाले उत्पादों का बॉयकाट करने के लिए कह रहे हैं.
  3. चीन से आने वाले मोबाइल का 73 फीसदी मार्केट पर कब्जा है

गफ्फार मार्केट में दुकानदार बोले- चीन को सीखाना होगा सबक
मोबाइल और एक्सेसरीज दिल्ली का सबसे बड़ा मार्केट और पूरे देश में फेमस गफ्फार मार्केट में मौजूद एक दुकानदार ने कहा कि हमारा सिक्योरिटी कैमरे का काम है, कच्चा माल चीन से लाते हैं और यहां असेंबल करते हैं.  लेकिन हम भी चाहते हैं कि चीन को सभी देशवासी सबक सिखाएं. ऐसा नहीं किया तो ये आने वाले समय में ठीक न होगा. लेकिन ऐसा करने के लिए यही पर मैन्युफैक्चरिंग की सुविधा हो, ज्यादा सहूलियत मिले तो हम रॉ मेटेरियल भी यहीं से खरीद लेंगे. 

चीनी सामान क्वालिटी में कमजोर लेकिन सस्ता
वहीं एक ग्राहक ने कहा कि चीन से आने वाले उत्पादों की क्वालिटी कमजोर है, लेकिन सस्ते होने की वजह से खरीदते हैं. दुकान के बाहर निकलते ही आवाज सुनाई दी कि कमाई हमसे कर रहा है और आंख भी हमको दिखा रहा है. चीन यही कर रहा है, हमें इसके प्रोडक्ट का बायकॉट करना ही होगा. एक ग्राहक ने कहा कि उसने अपने मोबाइल से सारे चीनी ऐप्स को हटा दिया है. इतना ही नहीं घर में बच्चों को भी ऐसा करने के लिए बोला है. 

नहीं खरीदेंगे चीन का माल
करोल बाग के आटो एक्सेसरीज मार्केट में जो ग्राहक आए हैं वो कहते हैं कि हम अब खरीदने से पहले ही देखते हैं कि ये चीन का तो नहीं है, हम किसी भी देश का ले लेंगे पर चीन का कोई सामान नहीं खरीदेंगे. हालांकि चीन के माल का पूरी तरह से बॉयकाट करने में कम से कम 4-5 साल लग जाएंगे. क्योंकि फिलहाल माल कम होने में धीरे धीरे वक्त लगेगा. हम अपनी तरफ से बायकॉट कर रहे हैं, अब सरकार अपना काम करे. 

ग्राहक खरीदने से पहले लगे हैं पूछने
वहीं करोलबाग मार्केट के दुकानदार कहते हैं कि लोग अब पहले पूछ रहे हैं कि किस कंट्री का प्रोडेक्ट है. चीन का माल रखना हमने बंद कर दिया है. केवल देसी कंपनियों के प्रोडेक्ट बेच रहे हैं. पहले चीनी कंपनियों के उत्पाद रखते थे, लेकिन क्वालिटी के साथ ही उनकी गारंटी नहीं होती है, इसलिए हमने चीन का माल रखना बंद कर दिया. 

जरूर होना चाहिए चीन का बॉयकाट
दवा मार्केट में दवा लेने आए ग्राहक कह रहे हैं कि चीन का बॉयकाट होना ही चाहिए. हमको पता नहीं होता कि कौन सी दवा का बेस मटीरियल चीन से आया है. हम ऑनलाइन ढूंढते हैं, पर पूरा पता नहीं चल पाता, इसलिए ऐसा होना चाहिए कि हमें पता लग सके. दुकानदार कह रहे हैं कि दवा में ऑल्टरनेट मिलने पर ही बॉयकाट संभव है. हम अपनी तरफ से कर रहे हैं, लेकिन लाइफ सेविंग ड्रग्स का क्या करेंगे. वो तो लेना ही पड़ेगा. हां पर हमारी दवा निर्माता कंपनियों को आत्मनिर्भर बनना तो पड़ेगा. 

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