PFRDA ने बीमा कंपनियों से न्यूनतम रिटर्न योजना डिजायन करने, विकसित करने और रिटर्न की राशि को लेकर राय मांगी गई है.
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नई दिल्ली: पेंशन कोष नियामक पीएफआरडीए नेशनल पेंशन स्कीम (एनपीएस) से जुड़े लोगों के लिये न्यूनतम रिटर्न योजना पर काम कर रहा है. एनपीएस सेवानिवृत्ति के लिये योगदान के जरिये बचत करने की योजना है. यह जनवरी के अंत तक 2.91 लाख करोड़ रुपये की संपत्ति का प्रबंधन कर रहा था और इससे जुड़े लोगों की संख्या 1.21 करोड़ है. पेंशन कोष नियामक एवं विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) के एक दस्तावेज के अनुसार, नियामक ग्राहकों के लिए न्यूनतम रिटर्न की गारंटी योजना को विकसित करने तथा इसका डिजायन तैयार करने पर काम कर रहा है.
नियामक ने बीमा कंपनियों से न्यूनतम रिटर्न योजना डिजायन करने, विकसित करने और रिटर्न की राशि सुझाने के लिये निविदाएं मंगायी हैं. नियामक ने कहा है कि कम से कम पांच साल पुराना सरकारी संगठन, सरकारी उपक्रम, भागीदारी कंपनी, तय देनदारी वाली भागीदारी या प्राइवेट लिमिटेड कंपनी आवेदन कर सकती हैं.बता दें दिसंबर महीने में नेशनल पेंशन स्कीम (NPS) में सरकार का योगदान बढ़ाकर मूल वेतन का 14 प्रतिशत कर दिया है. केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली ने इस बारे में जानकारी देते हुए कहा था कि कैबिनेट ने एनपीएस में कुछ बदलाव किया है. सरकार के मौजूदा 10 प्रतिशत योगदान को बढ़ाकर 14 प्रतिशत कर दिया गया है. इसके अलावा एनपीएस की कुल राशि में से 60 राशि निकालने पर अब कोई टैक्स नहीं देना होगा. पहले यह सीमा 40 प्रतिशत तक थी.
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इसमें अहम बात यह है कि कर्मचारियों का न्यूनतम योगदान 10 प्रतिशत ही बना रहेगा. मंत्रिमंडल ने कर्मचारियों के 10 प्रतिशत तक योगदान के लिए आयकर कानून की धारा 80 सी के तहत कर प्रोत्साहन को भी मंजूरी दी. फिलहाल सरकार तथा कर्मचारियों का योगदान एनपीएस में 10-10 प्रतिशत है. कर्मचारियों का न्यूनतम योगदान 10 प्रतिशत पर बना रहेगा जबकि सरकार का योगदान 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 14 प्रतिशत कर दिया गया है.
(इनपुट-भाषा)