अगर आपने किसी वजह से इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) दाखिल नहीं किया है तो फटाफट भर लीजिए, हालांकि खबर है कि ITR भरने की तारीख अभी और आगे बढ़ सकती है, क्योंकि खुद चार्टर्ड अकाउंटेंट ही अभी ITR और ऑडिट रिपोर्ट को लेकर तैयार नहीं है.
वेबसाइट Nai Dunia में छपी खबर के मुताबिक टैक्स प्रैक्टिशनर्स एसोसिएशन इंदौर (TPA) के जरिए चार्टर्ड अकाउंटेंट्स, टैक्स एडवाइजर्स और वकीलों की ओर से एक मांग पत्र वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) और प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) चेयरमैन को भेजा गया है.
इन सभी टैक्स एक्सपर्ट्स ने कोरोना से पैदा हुई मुश्किलों का हवाला देते हुए ITR और ऑडिट रिपोर्ट जमा करने की तारीख को आगे बढ़ाने की मांग की है. इन सभी टैक्स एक्सपर्ट्स ने सवाल भी खड़ा किया है कि आयकर रिटर्न जमा करने के फॉर्म (यूटिलिटी) में जब सरकार ने खुद ही दिसंबर तक संशोधन किया है तो 31 दिसंबर रिटर्न जमा करने की अंतिम तिथि कैसे हो सकती है.
चार्टर्ड अकाउंटेंट्स और टैक्स एडवाइजर्स के मुताबिक बिना ऑडिट रिपोर्ट के जमा होने वाले आयकर रिटर्न और ऑडिट रिपोर्ट दाखिल करने की अंतिम तारीख को 31 दिसंबर से बढ़ाकर 28 फरवरी करना जरूरी है. इसी तरह ऑडिट वाले आयकर रिटर्न दाखिल करने की तारीख 31 मार्च तक बढ़ाना चाहिए.
चिट्ठी में मांग की गई है कि कोरोना संकट से पैदा हुई स्थिति की वजह से चार्टर्ड अकाउंटेंट अपना काम ठीक तरीके से नहीं कर पा रहे हैं. अब भी लगभग 50 परसेंट ही रिटर्न दाखिल हुए हैं. इसलिए डेडलाइन को आगे बढ़ाना चाहिए.
इनका कहना है कि टैक्स रिटर्न के नए फॉर्म CBDT अप्रैल में जारी करने वाली थी, लेकिन वो दो महीने बाद जून में जारी किए गए, इसलिए जब सरकार खुद ही प्रक्रिया में देरी कर रही है तो टैक्सपेयर्स से जल्दबाजी नहीं करवाना चाहिए.
TPA के मुताबिक जिन टैक्सपेयर्स पर एक लाख रुपये से ज्यादा का टैक्स बकाया है, उनसे ब्याज भी लिया जाता है. अगर टैक्सपेयर्स वो ब्याज भी देने को तैयार है, तो फिर रिटर्न भरने की तारीखे भी आगे बढ़नी चाहिए. TPA की इस चिट्ठी के बाद उम्मीद जगी है कि इनकम टैक्स रिटर्न जमा करने की अंतिम तारीख आगे बढ़ाई जा सकती है. और वैसे भी अगर रिटर्न की संख्या कम रही तो तारीख बढ़ाना सरकार की मजबूरी बन जाएगी. क्योंकि ऐसे तो सरकार का टैक्स कलेक्शन भी घट जाएगा.
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