Housing for all योजना के तहत 2022 तक देश के हर नागरिक के पास अपना घर होगा, इस लक्ष्य के रास्ते में नया रोड़ा आ गया है. दरअसल, महारष्ट्र में गरीबों के लिए बनाए जा रहे घरों की कीमतों में जबर्दस्त बढ़ोतरी कर दी गई है.
Mumbaimirror में छपी एक खबर के अनुसार, महाराष्ट्र के मुंबई से सटे वसई-विरार (Vasai Virar) में राज्य सरकार की मंजूरी के बाद वसई विरार महानगर पालिका (Municipal Corporation) ने घरों के दाम में 52 परसेंट तक की बढ़ोतरी कर दी है. पीएम आवास योजना (PMAY) के तहत राजावाड़ी गांव (Rajawali village) में आर्थिक रूप से कमजोर लोगों केलिए 44,276 घर बनाए जाने हैं. इन घरों की कीमत पहले 14 लाख रुपये थी, अब ये बढ़ाकर 22 लाख रुपये कर दी गई हैं.
आपको बता दें कि प्रधानमंत्री आवास योजना को मोदी सरकार ने 25 जून 2015 को लॉन्च किया था. जिसका मकसद था साल 2022 तक सभी शहरी इलाकों में रहने वाले लोगों को पक्के घर मुहैया कराना. मौजूदा उद्धव ठाकरे सरकार से पहले राज्य में BJP सरकार ने साल 2022 तक महाराष्ट्र में 19 लाख घर बनाए जाने की घोषणा की थी.
2 नवंबर को घरों के दाम बढ़ाने का यह प्रस्ताव राज्य के मुख्य सचिव की अध्यक्षता में सैंक्शनिंग एंड मॉनेटरिंग कमेटी (sanctioning and monitoring committee) के पास आया था. इसके मुताबिक, घरों के दाम ASR (ready reckoner) के हिसाब 14.79 लाख रुपये थे, जिसे बढ़ाकर 22.50 लाख करने का प्रस्ताव दिया गया. यानि घरों के दाम में 52.03 परसेंट बढ़ाने की सिफारिश की गई थी. जबकि नियमों के हिसाब से 20 परसेंट से ज्यादा दाम नहीं बढ़ाए जा सकते हैं.
इस प्रस्ताव को प्राइसिंग कमेटी के पास भेजा गया, जिसे मंजूरी मिल गई, अब इसे अंतिम मंजूरी के लिए केंद्र सरकार के पास भेजा गया है. प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY) के तहत म्यूनिसिपल कॉर्पोरेशन पानी का कनेक्शन, बिजली जैसी सभी सुविधाएं डेवलपर को मुहैया कराता है.
इस मामले में जब म्हाडा (MHADA) के CEO अनिल दिग्गीकर (Anil Diggikar) से संपर्क किया गया तो उन्होंने किसी भी तरह के रिजर्वेशन या कैप की बात को सिरे से खारिज कर दिया है. उन्होंने कहा कि दाम बढ़ाने के लिए किसी भी प्रकार का कोई रिजर्वेशन नहीं है, मुंबई में जमीन के दाम बढ़ गए हैं. इसलिए प्राइसिंग कमेटी ने इसके बढ़ाए गए दाम के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. इस मामले में जब राज्य के मुख्य सचिव संजय कुमार से संपर्क किया गया तो वो नहीं मिले.
योजना के तहत कुल 76,257 घर बनाए जाएंगे, जिसमें 62,248 घर आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए हैं. इमसें से भी 44,276 घर PMAY के लाभार्थियों के लिए होंगे. जबकि 18,152 घर फ्री सेल के लिए होंगे निम्न आय वर्ग के लिए बनाए गए घरों में से 13,829 घर फ्री सेल के लिए होंगे, यानि बिल्डर अपने भाव पर दूसरों को बेच सकता है. इस पूरे प्रोजेक्ट की लागत 9,962 करोड़ रुपये है. जिसमें 664 करोड़ केंद्र सरकार देगी और 442 करोड़ रुपये राज्य सरकार देगी. बाकी 8,855 करोड़ रुपये लाभार्थियों को चुकाने होंगे
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