कोरोना वायरस के चलते हुए लॉकडाउन की वजह से कई लोगों को आर्थिक दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. ऐसे में उनका पब्लिक प्रोविडेंट फंड (पीपीएफ) खाता उनकी काफी मदद कर सकता है.
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नई दिल्लीः कोरोना वायरस के चलते लॉकडाउन की वजह से कई लोगों को आर्थिक दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. ऐसे में उनका पब्लिक प्रोविडेंट फंड (पीपीएफ) खाता उनकी काफी मदद कर सकता है. लेकिन बहुत से लोगों को इस खाते के फायदों के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है. ऐसे में हम आपको आज पीपीएफ खाते के फायदों के बारे में बताने जा रहे हैं. पीपीएफ खातों का संचालन बैंक व पोस्ट ऑफिस में होता है और इनमें जमा धन पर भारत सरकार की तरफ से गारंटी मिलती है.
सबसे कम ब्याज पर मिलता है लोन
पीपीएफ खाते की सबसे बड़ी खासियत है कि इसमें जमा रकम के आधार पर आप लोन ले सकते हैं. इस लोन पर जो ब्याज देना होता है वो पर्सनल लोन, गोल्ड लोन और अन्य तरह के लोन से काफी कम होता है. इसलिए पीपीएफ खाते में पड़ी रकम के बदले आप लोन ले सकते हैं.
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इतनी है ब्याज दर
कर व निवेश सलाहकार मणिकरन सिंघल ने बताया कि पीपीएफ में जमा रकम पर केवल एक फीसदी ब्याज देना होता है. हालांकि यहां पर एक बात ध्यान रखनी है कि खाते में जो रकम जमा होगी, उसके आधार पर ही लोन मिलेगा. वहीं बैंक और अन्य वित्तीय संस्थान आपकी आय के आधार पर लोन देते हैं.
लोन लेने के लिए ये हैं नियम व शर्ते
हालांकि इस तरह से पीपीएफ खाते से लोन लेने के लिए नियम व शर्तें भी हैं जिनका पालन करना होता है. पहला नियम यह है कि पीपीएफ खाता कम से कम तीन साल पुराना होना चाहिए.
दूसरा नियम यह है कि लोन केवल खाते के तीन साल से लेकर के छह साल के बीच मिलेगा. अगर आपने पीपीएफ खाता दिसंबर 2017 में खोला है तो फिर आप 2019 से लेकर के 2022 तक ही ले सकते हैं.
तीसरा नियम है कि खाते में जमा कुल रकम की केवल 25 फीसदी राशि ही आपको लोन के तौर पर मिलेगी. इसकी गणना दो साल बाद जमा रकम के आधार पर होगी, अगर आपने तीसरे साल में लोन लिया है.
इसके लिए मार्च महीने के अंतिम दिन को आधार माना जाएगा. अप्रैल से लेकर आप किसी भी महीने लोन के लिए आवेदन करते हैं तो भी गणना 31 मार्च तक जमा रकम के आधार पर होगी.