130 किलोमीटर की रफ्तार से दौड़ेंगी मालगाड़ियां, इस साल पूरा हो जाएगा Freight Corridor
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130 किलोमीटर की रफ्तार से दौड़ेंगी मालगाड़ियां, इस साल पूरा हो जाएगा Freight Corridor

कोरोना काल में रेलवे ने नया कीर्तिमान हासिल किया था. अब फ्रेट कॉरिडोर के काम को पूरा करने के साथ ही पूरे रेल नेटवर्क पर ट्रेनों की 130 किमी की रफ्तार से दौड़ानें की तैयारी चल रही है. 

फाइल फोटो

नई दिल्लीः भारतीय रेलवे (Indian Railways) इस साल के अंत तक पूरे देश में डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (Dedicated Freight Corridor) का काम पूरा कर लेगा. इसके बाद मालगाड़ियां बिलकुल अलग ट्रैक पर 130 km की रफ्तार से दौड़ेंगी. रेलवे ने केवल 10 दिनों के अंतर पर ईस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (EDFC) के 351 किमी लंबे खुर्जा-भाउपुर सेक्शन और वेस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (WFDC) के 306 किमी लंबे रेवाड़ी-मदार सेक्शन को शुरू कर दिया था. 

  1. 130 km की रफ्तार से दौड़ेंगी मालगाड़ियां
  2. पैसेंजर्स का ट्रैवल टाइम बचेगा
  3. नेक्स्ट लेवल की रेल यात्रा का एक्सपीरियंस मिलेगा

मार्च 2021 से शुरू हो जाएगा मदार-पालनपुर सेक्शन

रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा है कि 335 किमी लंबे मदार-पालनपुर सेक्शन को मार्च 2021 तक शुरू कर देगी. इस ट्रैक पर काम बड़ी तेजी से हो रहा है. वहीं 122 किमी लंबे रेवाड़ी-दादरी सेक्शन पर ट्रैक का काम दिसंबर 2021 तक पूरा हो जाएगा. इसके अलावा 738 किमी लंबे पालनपुर-मकरपुरा-जेएनपीटी सेक्शन पर काम जून 2022 तक पूरा हो जाएगा. वहीं 48 लंबे खुर्जा-दादरी सेक्शन का काम जून 2021 तक पूरा हो जाएगा.

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पीएम मोदी ने किया था उद्घाटन

पीएम मोदी ने इसी साल 7 जनवरी को रेवाड़ी-मदार सेक्शन का उद्घाटन किया था. इससे पहले 29 दिसंबर को खुर्जा-भाउपुर सेक्शन को वर्चुअल तरीके से हरी झंडी दिखाई थी. 

1280 किलोमीटर ट्रैक 130kmph स्पीड के लिए तैयार 

रेल मंत्रालय के मुताबिक, 1612 किलोमीटर के गोल्डन क्वाड्रीलेटरल (Golden Quadrilateral) और डायगोनल सेक्शन (Golden Diagonal) में, 1280 किलोमीटर ट्रैक को 130kmph के लिए तैयार कर लिया गया है. इसका सीधा मतलब है कि इन रूट से अब दिल्ली, मुम्बई, चेन्नई और कोलकाता का सफर करने वाले पैसेंजर्स का ट्रैवल टाइम बचेगा.

पूरा दक्षिण मध्य रेलवे होगा कवर 

स्वर्णिम चतुर्भुज-गोल्डन डायगोनल (GQ-GD) रूट विजयवाड़ा-दुव्वाड़ा सेक्शन को छोड़कर, जहां सिग्नल-अपग्रेडेशन कार्य प्रगति पर है, को छोड़कर पूरे दक्षिण मध्य रेलवे को कवर करता है. रेलवे ने पिछले साल लॉकडाउन और कम ट्रेन चलने (COVID-19 महामारी के कारण) की वजह से ऐसे समय का इस्तेमाल जरूरी इन्फ्रास्ट्रक्चर को अपग्रेड करने में किया है.

रेलवे ने महामारी में ढूंढा अवसर 
बता दें, COVID महामारी के बावजूद, भारतीय रेलवे ने बुनियादी ढांचे, इनोवेशन, नेटवर्क क्षमता विस्तार, माल ढुलाई में अभूतपूर्व बढ़ोतरी हासिल की है. मंत्रालय का कहना है कि हमने कोविड-19 को एक अवसर के तौर पर लिया और पैसेंजर्स के लिए नेक्स्ट लेवल की रेल यात्रा का एक्सपीरियंस कराने की दिशा में काम किया है.

 

 

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