Ratan Tata Health: देश के दिग्गज कारोबारी रतन टाटा का बुधवार देर रात निधन हो गया. टाटा के निधन से पूरे देश में शोक की लहर दौड़ गई है. पीएम नरेंद्र मोदी ने टाटा के निधन पर शोक जाहिर किया है.
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Ratan Tata in Hospital: दिग्गज बिजनेसमैन और टाटा समूह के अध्यक्ष रतन टाटा का मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में बुधवार देर रात निधन हो गया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनके निधन पर शोक व्यक्त किया है. दो दिन पहले भी रतन टाटा के निधन की अफवाह उड़ी थी. तब उन्होंने सोशल मीडिया पर बयान जारी कर कहा था कि वे ठीक हैं. लेकिन अब उनके निधन की खबर से पूरा देश स्तब्ध है.
Shri Ratan Tata Ji was a visionary business leader, a compassionate soul and an extraordinary human being. He provided stable leadership to one of India’s oldest and most prestigious business houses. At the same time, his contribution went far beyond the boardroom. He endeared… pic.twitter.com/p5NPcpBbBD
इससे पहले रॉयटर्स ने टाटा परिवार से जुड़े सोर्सेस के हवाले से अपनी एक रिपोर्ट में बताया था कि उनकी हालत गंभीर है. 86 साल रतन टाटा ने सोमवार को सोशल मीडिया पर बताया था कि उनकी उम्र संबंधित स्वास्थ्य समस्याओं के कारण वह नियमित चिकित्सा जांच से गुजर रहे हैं.
दरअसल, टाटा परिवार के एक करीबी ने बताया है कि रतन टाटा को मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में भर्ती कराया गया है. लेकिन उनकी बीमारी के बारे में अधिक जानकारी नहीं दी गई. इससे पहले ही सोमवार को रतन टाटा ने सोशल मीडिया पर बयान जारी कर कहा था कि वह अच्छी मानसिक स्थिति में हैं और चिंता की कोई बात नहीं है.
तन टाटा देश के सबसे सम्मानित उद्योपतियों में से एक हैं. उन्होंने मार्च 1991 से दिसंबर 2012 तक नमक से लेकर साफ्टवेयर तक बनाने वाली कंपनी टाटा संस के अध्यक्ष के रूप में टाटा समूह का नेतृत्व किया. दो दिन पहले अस्पताल में भर्ती होने के तुरंत बाद टाटा समूह, भारतीय कॉर्पोरेट और राजनीतिक क्षेत्र के साथ-साथ आम जनता के बीच भी उनके स्वास्थ्य को लेकर अटकलें तेज हो गईं. हालांकि उन्होंने खुद अपने स्वास्थ्य की जानकारी दी थी. लेकिन अब बताया जा रहा है कि उनकी हालत गंभीर हो गई और उन्हें आईसीयू में भर्ती कराया गया.
टाटा ने साल 1991 से 28 दिसंबर 2012 को अपनी सेवानिवृत्ति तक टाटा ग्रुप में एक लंबी पारी खेलने के बाद उन्होंने ग्रुप की होल्डिंग कंपनी टाटा संस के अध्यक्ष के रूप में कार्य किया. उसके बाद 2016-2017 तक शीर्ष पद पर एक और छोटे कार्यकाल में अपनी सेवा के दौरान उन्होंने समूह में कुछ बड़े परिवर्तन किए गए थे. अपनी विनम्रता के लिए मशहूर रतन टाटा फिलहाल टाटा ट्रस्ट के चेयरमैन भी हैं.