Ration Card Rules: पिछले करीब सात महीने से राज्य के अंत्योदय परिवारों के करीब नौ लाख कार्डधारियों को चीनी नहीं मिली है. अब पिछले दो महीने से कार्ड धारकों को नमक भी नहीं मिला है.
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Ration Card Rules: दीपावली और छठ पर्व के मौके पर राशन कार्ड धारकों के लिए बुरी खबर है. इस बार कार्ड धारकों की थाली से नमक और चीनी गायब है. इस बार झारखंड राज्य में दिवाली से पहले नौ लाख कार्ड धारकों को चीनी और नमक नहीं मिलेगा. पिछले करीब सात महीने से राज्य के अंत्योदय परिवारों के करीब नौ लाख कार्डधारियों को चीनी नहीं मिली है. अब पिछले दो महीने से कार्ड धारकों को नमक भी नहीं मिला है.
2011-12 से शुरू हुई नमक वितरण योजना
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत अंत्योदय परिवार को राज्य में हर महीने एक किलो चीनी सब्सिडाइज रेट पर उपलब्ध करायी जाती है. नमक वितरण योजना राज्य में 2011-12 से शुरू की गई थी. फिलहाल इस योजना के तहत राज्य के राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम से जुड़े परिवारों को हर परिवार को एक किलोग्राम फ्री-फ्लो आयोडीनयुक्त नमक एक रुपया प्रति किलोग्राम की दर से बांटा जाता है.
तीन बार टेंडर रद्द करना पड़ा
चीनी खरीद को लेकर मई से प्रक्रिया पूरी की जा रही है. किसी ठेकेदार के हिस्सा नहीं लेने से तीन बार टेंडर रद्द करना पड़ा. टेंडर में एक बार बाजार मूल्य से अधिक कीमत आने से विभाग ने आपत्ति जतायी थी. जहां तक चीनी का सवाल है, तो इसका नगद व्यापार होता है. सरकार इसे क्रेडिट पर देती है. झारखंड की भौगौलिक स्थिति को देखते हुए भी कोई निविदादाता इसमें भाग नहीं लेना चाहता है.
राज्य में रिमोर्ट एरिया में काफी कम संख्या में अंत्योदय परिवार हैं. ऐसे में डीलरों तक चीनी पहुंचाने में वितरण में लगी एजेंसी को ट्रांसपोर्टेशन खर्च ज्यादा पड़ता है. अप्रैल से जून तक के चीनी वितरण का आदेश हो गया है. एजेंसी की ओर से जल्द ही राशन डीलरों तक चीनी पहुंचा दी जायेगी. इसके बाद लाभुकों को एक साथ तीन माह की चीनी का वितरण किया जायेगा. बचे हुए माह में चीनी वितरण को लेकर निविदा निकाल कर प्रक्रिया पूरी की जा रही है.
केरोसिन के दाम बढ़े, उठाव नहीं कर रहे डीलर
झारखंड में राशन डीलर केरोसिन के उठाव में रुचि नहीं दिखा रहे हैं. केंद्र सरकार की ओर से केरोसिन से सब्सिडी वापस लेने के बाद इसकी कीमत काफी बढ़ गयी है. इस कारण लाभुक केरोसिन नहीं ले रहे हैं. जन वितरण के माध्यम से वितरित किये जानेवाले प्रति लीटर केरोसिन पर 50 पैसा की दर से राज्य योजना से व्यय किया जाता है.