Reserve Bank of India के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) में ‘कोटा’ की समीक्षा जल्द पूरा करने की जरूरत है. इसकी समीक्षा होने से कई काम आसान हो सकते हैं. उन्होंने कहा है कि इससे आईएमएफ संकट में फंसे देशों की मदद और बेहतर तरीके से कर सकेगा.
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RBI News: कई बार ऐसा देखने को मिला है कि विश्व के कई देश आर्थिक संकट का सामना करते हैं. ऐसे में देश के पास नकदी भी खत्म हो जाती है, जिसके कारण वे देश आईएमएफ से मदद मांगते हैं. अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) का विश्व में काफी दबदबा है. किसी भी देश को लोन देने पर इसकी जरूरत पड़ती है. इस बीच आरबीआई की ओर से आईएमएफ को लेकर बड़ा अपडेट दिया गया है और एक खास चीज की जरूरत के बारे में भी बताया गया है, जिसकी समीक्षा भी की जानी चाहिए.
आईएमएफ
दरअसल, भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) में ‘कोटा’ की समीक्षा जल्द पूरा करने की जरूरत है. इसकी समीक्षा होने से कई काम आसान हो सकते हैं. उन्होंने कहा है कि इससे आईएमएफ संकट में फंसे देशों की मदद और बेहतर तरीके से कर सकेगा. साथ ही संकट में फंसे देशों को इससे मजबूती भी मिलेगी.
वैश्विक अर्थव्यवस्था
वित्त मंत्रालय और आरबीआई के जरिए वैश्विक अर्थव्यवस्था पर आयोजित सेमिनार को संबोधित करते हुए दास ने कहा कि हाल के अनुभवों से पता चलता है कि पहुंच की कमी की वजह से वित्तीय संकट के समय देश आईएमएफ के बजाय अन्य निकायों से मदद मांगते हैं. दास ने कहा कि किसी देश को आईएमएफ का समर्थन उस देश के ‘कोटा’ पर निर्भर करता है. उन्होंने कहा, ‘‘16वीं सामान्य कोटा समीक्षा के साथ कामकाज के संचालन से संबंधित मुद्दों को तेजी से पूरा किए जाने की जरूरत है.’’
वित्तीय प्रभाव की अनदेखी नहीं
उन्होंने कहा कि इसके साथ ही हरित (पर्यावरण अनुकूल गतिविधियों) की ओर बदलाव के वित्तीय प्रभाव की अनदेखी नहीं की जा सकती है. दास ने उभरते देशों को हरित पूंजी के प्रवाह को तत्काल बढ़ाने की जरूरत भी बताई. उन्होंने यह भी कहा कि वैश्विक स्तर पर ऋण आंकड़े साझा करने के लिए एक वैश्विक मंच विकसित करने की जरूरत है. (इनपुट: भाषा)