Reserve Bank of India: कई रिपोर्ट में उम्मीद जताई गई कि इस बार भी केंद्रीय बैंक की तरफ से महंगाई पर लगाम लगाने के लिए ब्याज दर में इजाफे की घोषणा की जा सकती है. मई से लेकर अब तक आरबीआई पहले ही चार बार 190 बेसिस प्वाइंट रेपो रेट बढ़ा चुका है.
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Repo Rate: रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) की मौद्रिक समीक्षा बैठक (MPC Meeting) का आज अंतिम दिन है. आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास की तरफ से बैठक में लिए गए फैसलों की जानकारी दी जाएगी. कई रिपोर्ट में उम्मीद जताई गई कि इस बार भी केंद्रीय बैंक की तरफ से महंगाई पर लगाम लगाने के लिए ब्याज दर में इजाफे की घोषणा की जा सकती है. मई से लेकर अब तक आरबीआई पहले ही चार बार 190 बेसिस प्वाइंट रेपो रेट बढ़ा चुका है. हालांकि पिछले दिनों महंगाई में नरमी के संकेत मिले हैं.
35 बेसिस प्वाइंट की बढ़ोतरी उम्मीद
आरबीआई (RBI) की एमपीसी (MPC) की बैठक को लेकर जानकारों का कहना है कि केंद्रीय बैंक इस बार 50 बेसिस प्वाइंट की बढ़ोतरी के मिथ को तोड़ेगा. इस बार रिजर्व बैंक की तरफ से 35 बेसिस प्वाइंट की बढ़ोतरी ब्याज दर में की जा सकती है. ब्याज दर में बढ़ोतरी का असर बैंकों की तरफ से ग्राहकों को दिए जाने वाले लोन और एफडी आदि की ब्याज दर पर भी पड़ेगा.
चार बार पहले भी बढ़ाया रेपो रेट
इससे पहले आरबीआई ने 4 मई को रेपो रेट में 0.4 प्रतिशत, 8 जून को 0.5 प्रतिशत, 5 अगस्त को 0.5 प्रतिशत और 30 सितंबर को 0.5 प्रतिशत की बढ़ोतरी की थी. आरबीआई की मौजूदा रेपो रेट 5.9 प्रतिशत है. अगर इस बार 0.35 प्रतिशत की बढ़ोतरी की जाती है तो यह 6.25 प्रतिशत हो जाएगी. आपको बता दें रेपो रेट (Repo Rate) वह दर होती है, जिस पर रिजर्व बैंक की तरफ से बैंकों को लोन दिया जाता है. रेपो रेट बढ़ने घटने का असर ग्राहकों को मिलने वाले लोन पर पड़ता है.
इससे पहले मंगलवार को वर्ल्ड बैंक ने चालू वित्त वर्ष 2022-23 के लिए देश के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) की वृद्धि दर के अनुमान को 6.5 प्रतिशत से बढ़ाकर 6.9 प्रतिशत कर दिया है. इसके अलावा वर्ल्ड बैंक ने अगले वित्तीय वर्ष के लिए जीडीपी का आंकड़ा 7 प्रतिशत से घटाकर 6.6 प्रतिशत कर दिया है. विश्व बैंक का अनुमान है कि वित्त वर्ष 2022-23 में खुदरा महंगाई 7.1 प्रतिशत पर रहेगी.
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