Inflation in India: खुदरा मुद्रास्फीति जनवरी महीने में तीन महीने के उच्च स्तर पर जा चुकी है और जनवरी में यह 6.52 फीसदी हो गई है. इसके साथ ही महंगाई एक बार फिर रिजर्व बैंक के संतोषजनक स्तर से ऊपर चली गई है. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) की ओर से महंगाई दर को नीचे लाने के काफी प्रयास भी किए जा रहे हैं.
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Inflation Rises: देश में महंगाई के कारण लोगों का बजट काफी गड़बड़ा जाता है. महंगाई के कारण हर एक जरूरी चीज के दाम बढ़ जाते हैं, जिसके कारण लोगों की जेब पर भी काफी असर देखने को मिलता है. अब एक बार फिर से महंगाई के मोर्चे पर लोगों को झटका लगा है. दरअसल, खुदरा मुद्रास्फीति के जनवरी महीने के आंकड़े सामने आए हैं. इन आंकड़ों से पता चलता है कि खुदरा मुद्रास्फीति तीन महीने के उच्च स्तर पर पहुंच गई है.
महंगाई दर
दरअसल, खुदरा मुद्रास्फीति जनवरी महीने में तीन महीने के उच्च स्तर पर जा चुकी है और जनवरी में यह 6.52 फीसदी हो गई है. इसके साथ ही महंगाई एक बार फिर रिजर्व बैंक के संतोषजनक स्तर से ऊपर चली गई है. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) की ओर से महंगाई दर को नीचे लाने के काफी प्रयास भी किए जा रहे हैं. हालांकि फिलहाल खुदरा महंगाई दर में इजाफा देखने को मिला है.
खुदरा महंगाई
अगर पिछले कुछ महीनों की बात की जाए तो उनकी तुलना में जनवरी के महीने में खुदरा मुद्रास्फीति में इजाफा देखा गया है. वहीं उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति दिसंबर में 5.72 प्रतिशत और जनवरी 2022 में 6.01 प्रतिशत थी. खाद्य पदार्थों की महंगाई दर जनवरी में 5.94 प्रतिशत रही जो दिसंबर में 4.19 प्रतिशत थी.
खुदरा मुद्रास्फीति
पिछले कुछ महीनों की बात की जाए तो खुदरा मुद्रास्फीति अक्टूबर महीने में उच्च स्तर 6.77 प्रतिशत पर थी. भारतीय रिजर्व बैंक मौद्रिक नीति पर विचार करते समय मुख्य रूप से खुदरा मुद्रास्फीति पर गौर करता है. केंद्रीय बैंक को मुद्रास्फीति दो प्रतिशत घट-बढ़ के साथ चार प्रतिशत पर रखने की जिम्मेदारी मिली हुई है.
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