कोरोना काल में जिंदगी कितनी हलकान हो गई थी, ये तो शायद हर आम आदमी ने महसूस किया होगा लेकिन क्या आपको पता है जब रोजी- रोटी के लिए तरस रहे थे तब भारत सहित पूरी दुनिया के अमीरों की कमाई बहुत बढ़ गई. एनजीओ Oxfam की रिपोर्ट ने साफ कर दिया है कि अब अमीरों और गरीबों के बीच फासला और बढ़ गया है.
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दिल्ली: कोरोना (Corona) काल में हर आम आदमी कमाई के लिए तरसता दिखा. किसी की नौकरी चली गई तो किसी की आमदनी घट गई. एक तरफ आम लोग रोजी-रोटी के लिए संघर्ष करते दिखे तो देश के अमीरों ने खूब कमाई की. कमाई भी इतनी कि अगर कुल कमाई को कुल गरीबों में बांट दिया जाए तो करीब 94 हजार रुपये हर गरीब के हिस्से में आ जाएं.
एनजीओ (Oxfam) ने एक रिपोर्ट तैयार की है जिसमें दावा किया गया है कि भारत में अमीरों और गरीबों के बीच जो खाई थी वो और चौड़ी हो गई है. ऐसा इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि कोरोना काल में गरीबों को तो घर चलाने के भी लाले पड़ गए लेकिन इस दौरान अमीरों ने अपना खजाना और बढ़ा लिया.
रिपोर्ट की मानें तो कोरोना काल में भारत के अरबपतियों की संपत्ति 35 फीसदी बढ़ गई. मार्च 2020 के बाद भारत के 100 अरबपतियों की संपत्ति में 12,97,822 करोड़ रुपये का इजाफा हो गया. ये आंकड़ा इतना बड़ा है कि अगर देश के 13.8 करोड़ सबसे गरीब लोगों में इसको बांट दिया जाए, तो हर गरीब को 94 हजार 45 रुपये मिल सकते हैं. एक रिपोर्ट के अनुसार भारत में करीब 13.8 करोड़ लोग बेहद गरीब हैं.
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कोरोना के कहर के बीच इतनी कमाई हर किसी को हैरान कर रही है. रिपोर्ट में इस बात का भी जिक्र किया गया है कि कारोबारी मुकेश अंबानी को जितनी कमाई एक घंटे में हुई उतना कमाने में किसी अकुशल मजदूर को दस हजार साल लग जाएंगे. इसे ऐसे भी समझ सकते हैं कि मुकेश अंबानी की 1 सेकेंड की कमाई का ग्राफ इतना ज्यादा है कि इतना पैसा कमाने में एक गरीब को 3 साल से ज्यादा लग जाएंगे. वैसे ऐसा नहीं है कि कोरोना के दौरान केवल भारतीय अमीरों का बैंक बैलेंस ही बढ़ा, विदेशों से भी कुछ ऐसा ही आंकड़ा सामने आया है.
Oxfam की रिपोर्ट के मुताबिक दुनिया भर में बीते साल दिसंबर तक अरबपतियों की संपत्तियों में 3.9 ट्रिलियन डॉलर की बढ़ोतरी हुई और दुनिया के टॉप 10 अरबपतियों की संपत्ति में 540 बिलियन डॉलर का इजाफा हो गया. एक तरफ अमीरों ने खूब कमाई की तो दूसरी तरफ दुनिया भर में करोड़ों लोग बेरोजगार हो गए और न जाने कितने लोग रोटी के लिए तरस गए.
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ऑक्सफैम के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) अमिताभ बेहर (Amitabh Behar) का कहना है कि The Inequality Virus रिपोर्ट के जरिए ये साफ हो गया है कि मुश्किल वक्त में भी अमीरों ने गरीबों के प्रति कोई सहानुभूति (Sympathy) नहीं दिखाई. Oxfam का दावा है कि The Inequality Virus रिपोर्ट को स्विट्जरलैंड में हो रहे दावोस समिट में पेश किया जाएगा.
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