रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन और एशिया के सबसे अमीर व्यक्ति मुकेश अंबानी ने कोरोना वायरस के चलते बड़ा फैसला लिया है.
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मुंबईः रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन और एशिया के सबसे अमीर व्यक्ति मुकेश अंबानी ने कोरोना वायरस के चलते बड़ा फैसला लिया है. अंबानी अब पूरे साल अपना 15 करोड़ रुपये का सालाना वेतनमान नहीं लेंगे. इसके अलावा कंपनी का पूरा बोर्ड और गैस व ऑयल डिवीजन से जुड़े वरिष्ठ अधिकारी भी अपने वेतन में 50 फीसदी की कटौती करेंगे.
15 लाख से कम वेतन वालों को मिलेगी पूरी सैलरी
कंपनी के जिन कर्मचारियों की सैलरी सालाना 15 लाख रुपये से कम है, उनकी सैलरी में किसी तरह की कोई कटौती नहीं की गई है. कार्यकारी निदेशक, कार्यकारी समिति के सदस्यों समेत रिलायंस के निदेशक मंडल के सदस्यों का वेतन 30 से 50 फीसदी तक काटा जाएगा. जिन कर्मचारियों का पैकेज 15 लाख रुपये से कम है उनके वेतन में कोई कटौती नहीं जाएगी. लेकिन इससे ऊपर की आय वालों के वेतन में 10 फीसदी की कटौती होगी.
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इस बार नहीं मिलेगा बोनस
रिफाइनरी से लेकर दूरसंचार क्षेत्र तक विविध काम करने वाली रिलायंस इंडस्ट्रीज ने कर्मचारियों को भेजे एक संदेश में यह जानकारी दी गई है. कंपनी ने कर्मचारियों का सालाना बोनस टाल दिया है जो सामान्यत: वित्त वर्ष की पहली तिमाही में दिया जाता है.
कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए 25 मार्च से देशव्यापी लॉकडाउन (बंद) जारी है. इसकी वजह से कल-कारखाने, उड़ानें, रेल, सड़क परिवहन, लोगों की आवाजाही, कार्यालय और सिनेमाघर इत्यादि सब बंद हैं. लोग घरों में रहने को मजबूर हैं. इससे बाजार में मांग प्रभावित हुई है और इसका असर कारोबार पर हो रहा है. रिलायंस का रिफाइनरी कारोबार इससे बहुत बुरी तरह प्रभावित हुआ है.
कंपनी की विभिन्न इकाइयों के प्रमुखों ने कर्मचारियों को वेतन कटौती की जानकारी वाला संदेश भेजा है. संदेश में लिखा है, ‘‘ हमारे हाइड्रोकार्बन कारोबार पर काफी दबाव है. इसलिए हमें अपनी लागत को युक्तिसंगत बनाना होगा और हम सभी क्षेत्रों में लागत कटौती कर रहे हैं. वर्तमान स्थिति की मांग है कि हम अपनी परिचालन लागत और तय लागत को युक्ति संगत बनाएं और सभी को इसमें योगदान करने की जरूरत है.''
2008 से फिक्सड है सालाना वेतन
रिलायंस इंडस्ट्रीज के प्रमुख के तौर पर अंबानी सालाना 15 करोड़ रुपये का वेतन लेते हैं. उनके वेतन में 2008-09 के बाद से कोई बदलाव नहीं हुआ है. संदेश के मुताबिक कंपनी लगातार आर्थिक और कारोबारी हालात की समीक्षा करेगी और अपनी आय बढ़ाने के जरिए तलाशेगी.
(इनपुट: भाषा )