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नई दिल्ली. Business Plan: अगर आप बिजनेस करने की सोच रहे हैं तो हम आपको एक बेस्ट बिजनेस आइडिया देने जा रहे हैं. इस बिजनेस को स्टार्ट करने के लिए आपको मामूली से निवेश की जरूरत होगी और इससे आप अच्छी खासी कमाई कर सकते हैं. सबसे कमाल की बात ये है कि इस बिजनेस को कोई आसानी से शुरू कर सकता है. ये बिजनेस खेती से जुड़ा हुआ है, तो इसे गांव में रहने वाले किसान आराम से शुरू करके एकस्ट्रा इनकम कमा पाएंगे.
देश के किसान अब खेती में नए-नए एक्सपीरिमेंट्स करने लगे हैं. आजकल किसान नई चीजों की खेती कर रहे हैं. किसान अब नयी किस्म के फल, सब्जी और अन्य फसलों की खेती कर रहे हैं. फसलों में आजकल काले गेहूं और काले धान की खेती की तरफ किसानों का झुकाव बढ़ा है. बाजार में काले गेहूं का नॉर्मल गेहूं से कई गुना दाम है. इससे बेहतर कमाई होती है. आइए आपको बताते हैं कि कैसै काले गेहूं की खेती करके ज्यादा पैसे कमा सकते हैं.
कोरोना महामारी ने लोगों को स्वस्थ खानपान की आदत डाल दी है. इसलिए खानपान की आदतों में बदलाव आया है. कालां गेंहू, सामान्य गेहूं के आकार का होता है, लेकिन इसमें कई औषधीय गुण मौजूद है इसके कारण बाजार में इसकी मांग खूब है. सामान्य गेहूं की तुलना में काले गेहूं से होने वाले फायदे काला गेहूं दिखने में काले या बैंगनी रंग के होते हैं, पर इसके गुण सामान्य गेहूं की तुलना में अधिक होते है. साधारण गेहूं के मुकाबले काला गेहूं 4 गुना अधिक रेट में बिकता है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, बाजार में काला गेहूं 7000-8000 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से बिकता हैं, जबकि नार्मल गेहूं का भाव महज 2,000 रुपये प्रति क्विंटल के आसपास है.
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काले गेहूं में एन्थोसाइनीन पिगमेंट की मात्रा ज्यादा होती है. इस वजह से ये काला दिखाई देता है. सफेद गेंहू में एंथोसाइनिन की मात्रा 5 से 15 पीपीएम होती है, जबकि काले गेहूं में इसकी मात्रा 40 से 140 पीपीएम होती है. काले गेंहू में एंथ्रोसाइनीन (एक नेचुरल एंटी ऑक्सीडेंट व एंटीबायोटिक) प्रचुर मात्रा में पाया जाता है , जो हार्ट अटैक, कैंसर, डायबिटीज, मानसिक तनाव, घुटनों का दर्द, एनीमिया जैसे रोगों में काफी कारगर है.
काले गेहूं की खेती भी रबी मौसम में की जाती है, हालांकि इसकी बुवाई के लिए नवंबर का महीना सबसे अच्छा माना जाता है. काले गेहूं के लिए नमी बेहद जरूरी होता है. नवंबर के बाद काले गेहूं की बुआई करने पर पैदावार में कमी आती है.
काले गेंहू की खेती में जिंक और यूरिया को खेत में डालें. डीएपी डालने के लिए ड्रिल का इस्तेमाल करें. गेहूं की बुवाई करते समय प्रति एक एकड़ खेत में 50 किलो डीएपी, 45 किलो यूरिया, 20 किलो म्यूरेट पोटाश और 10 किलो जिंक सल्फेट का इस्तेमाल करना चाहिए. फिर पहली सिंचाई के समय 60 किलो यूरिया डालना चाहिए.
काले गेंहू की पहली सिंचाई बुवाई के तीन हफ्ते बाद करें. इसके बाद समय समय पर सिंचाई करते रहे हैं. बालियां निकलने से पहले और दाना पकते समय सिंचाई जरूर करें. बता दें, काले गेहूं की इस नई किस्म को पंजाब के मोहाली स्थित नेशनल एग्री फूड बायोटेक्नॉलजी इंस्टीट्यूट नाबी ने विकसित किया है.
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काला गेहूं महंगे दाम में बिकता है. काले गेहूं की पैदावार भी साधारण गेहूं के मुकाबले अच्छी होती है. एक स्टडी के मुताबिक, 1 बीघे में 1000 से 1200 किलो तक काला गेहूं की पैदावार की जा सकती हैं. अगर एक क्विंटल गेहूं के दाम 8000 रुपये हैं तो करीब 9 लाख रुपये ऊपर कमाई हो जाएगी.