Success Story: IIM में नहीं हुआ एडमिशन, खोल दी चाय की टपरी, बन गए 'करोड़पति चाय वाले'
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Success Story: IIM में नहीं हुआ एडमिशन, खोल दी चाय की टपरी, बन गए 'करोड़पति चाय वाले'

Motivational Story: एक समय था जब MBA में एडमिशन नहीं मिला. लेकिन चाय के बिजनेस से ही करोड़पति बन गए आज पूरा देश इन्हें 'करोड़पति चाय वाला' के नाम से जानता है. जानिए इनकी सफलता की कहानी.

फोटो साभार। (इंस्टाग्राम)

नई दिल्ली. कहते हैं कि अगर आप कुछ ठान लें तो सब कुछ मुमकिन हैं. ये बात मध्य प्रदेश के प्रफुल्ल बिल्लौरे (Prafull Billore) ने सच कर दिखाई. कई छात्रों की तरह प्रफुल्ल का भी सपना था कि वे टॉप IIM से बिजनेस और एंटरप्रेन्योरशिप (entrepreneurship) की पढ़ाई करें. उनका ये सपना तो पूरा नहीं हो पाया. प्रफुल्ल ने हार नहीं मानी और चाय का बिजनेस शुरू किया.आज वह इतने सफल हैं कि उनके बिजनेस का टर्नओवर करोड़ों में है. सब लोग उनको 'करोड़पति चायवाला' के नाम से जानते हैं.

  1. मध्य प्रदेश के एक छोटे से गांव में हुआ था जन्म
  2. MBA करने का सपना ले आया अहमदाबाद
  3. पिता से झूठ बोलकर मांगे रुपये और शुरू किया चाय का कारोबार

CAT परीक्षा की तैयारी से शुरू हुई कहानी

धार (DHAR) के एक छोटे से गांव लबरावदा के किसान परिवार के प्रफुल्ल बिल्लौरे IIM अहमदाबाद से MBA करना चाहते थे. इसके लिए वे अहमदाबाद चले गए और खूब तैयारी की. तीन साल लगातार कॉमन एडमिशन टेस्ट (CAT) की तैयारी के बाद भी उनका एडमिशन IIM में नहीं हो पाया. इसके बाद उन्होंने पैसा कमाने के लिए मुंबई जैसे बड़े शहरों का भी रुख किया, लेकिन वहां वे सफल नहीं हुए तो वापस अहमदाबाद आ गए और मैकडॉनल्ड में जॉब की. यहां उनको हर घंटे के हिसाब से 37 रुपये मिलते थे. यहां वे दिन में करीब 12 घंटे काम किया करते थे.

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चाय का बिजनेस किया शुरू 

एक समय के बाद प्रफुल्ल को इस बात का एहसास हो गया कि वे कहीं जॉब करने के लिए नहीं बने हैं. इसलिए उन्होंने अपना खुद का बिजनेस करने का प्लान बनाया. बिजनेस को शुरू करने के लिए प्रफुल्ल के पास पैसे नहीं थे इसलिए उन्होंने कम निवेश के कारोबार को शुरू करने के बारे में सोचा. प्रफुल्ल ने अपने पिता से पढ़ाई के नाम पर झूठ बोलकर 10 हजार रुपये मांगे. इसके बाद उन्होंने एक कॉलेज के बाहर चाय की स्टॉल लगाना शुरू किया. 

ऐसे हुई शुरुआत

शुरुआत में प्रफुल्ल की दुकान पर लोग चाय पीने नहीं आते थे. इसलिए उन्होंने खुद चाय प्लेट लेकर लोगों के पास जाना शुरू किया और इंग्लिश में उन्हें चाय बेचनी शुरू की. धीरे-धीरे लोगों को इंग्लिश बोलने हुए चाय बेचने वाला पसंद आने लगा और उनके स्टॉल पर भीड़ जुटना शुरू हो गई. प्रफुल्ल बताते हैं कि उन्होंने अपने टी स्टाल का नाम 'मिस्टर बिल्लोरे अहमदाबाद चाय वाला' रखा था. जिसे वह शॉर्ट में 'MBA चाय वाला' कहते हैं. इस तरह MBA चाय वाला के नाम से प्रफुल्ल का काम चल पड़ा. 

कई दिक्कतों का किया सामना

प्रफुल्ल का चाय का बिजनेस तो चलने लगा था लेकिन कुछ दिनों बाद उन्हें वहां से अपना स्टॉल हटाना पड़ा. उन्होंने हार नहीं मानी और रेंट पर एक छोटी सी दुकान लेकर फिर से चाय का काम शुरू किया. उनकी कड़ी मेहनत से आज वे सक्सेस हैं. आज पूरे देश में MBA चायवाला के 22 से अधिक आउटलेट्स हैं और अब जल्द ही एक अंतरराष्ट्रीय आउटलेट भी ओपन होने जा रहा है.

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देश के टॉप संस्थानों में देने जाते हैं लेक्चर

एक वक्त था जब प्रफुल्ल MBA करने के लिए IIM जाना चाहते थे. वहीं आज देशभर के संस्थानों में प्रफुल्ल बतौर मैनेजमेंट गुरू लेक्चर देने के लिए जाते हैं. प्रफुल्ल की लाइफ का मंत्र है कि 'कोई भी काम छोटा बड़ा नहीं होता है और हर चीज से पैसा कमाया जा सकता है, बस आपको कमाना आना चाहिए'.  इसके अलावा प्रफुल्ल बिलोरे सोशल मीडिया पर भी काफी फेमस हैं. उनके इंस्टाग्राम पर करीब 5.5 लाख से ज्यादा फॉलोवर हैं.

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