Vegetable Tanned Leather Price: नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर इंटरडिसिप्लिनरी साइंस एंड टेक्नोलॉजी (NIIST) ने शाकाहारी चमड़े का आविष्कार किया है जिसे बनाने के लिए कचरे और फलों के छिलके जैसे शाकाहरी प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल किया गया है. वरना अमतौर पर चमड़ा मरे हुए जानवरों की खाल से प्राप्त किया जाता है.
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Vegetable Tanned Leather Product: दिन-प्रतिदिन देश में चमड़े से बने प्रोडक्ट की मांग बढ़ती जा रही हैं, वहीं कुछ लोग तेजी से वीगेन लाइफस्टाइल को फॉलो कर रहे हैं और जानवरों से बनने वाले उत्पादों का बहिष्कार कर रहे हैं. इसके अलावा ऐसे लोग भी हैं जो चमड़े से बनी चीजों का इस्तेमाल नहीं करते हैं क्योंकि चमड़ा मरे हुए जानवरों की खाल से प्राप्त किया जाता है. मंदिर और अन्य जगहों पर चमड़े की चीजें पहनकर एंट्री करने की मनाही भी होती है. जल्द ही मार्केट में एक ऐसा प्रोडक्ट आने वाला है जो चमड़े को रिप्लेस कर देगा. इसे बनाने के लिए जानवरों की खाल का इस्तेमाल नहीं किया जाता बल्कि इसे कचरे और फलों के छिलके से तैयार किया जाता है.
किसने तैयार किया 'वेज चमड़ा'?
नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर इंटरडिसिप्लिनरी साइंस एंड टेक्नोलॉजी (NIIST) ने इस चमड़े का आविष्कार किया है जिसे बनाने के लिए कचरे और फलों के छिलके जैसे शाकाहरी प्रोडक्ट का इस्तेमाल किया गया है. यह इंस्टिट्यूट अपने वेज चमड़े को मार्केट में उतारने की तैयारी में है. जल्द ही इससे बने पर्स, जूते और बेल्ट जैसे तमाम प्रोडक्ट्स आप बाजारों से खरीद सकेंगे. एनआईआईएसटी के इस खोज से अब वेस्ट मैनेजमेंट के लिए एक अच्छा ऑप्शन मौजूद होगा और कचरे से होने वाला प्रदूषण दिन-प्रतिदिन कम होगा.
बेहद सस्ता और पर्यावरण के भी अनुकूल
जानकारों का मानना है कि इस आविष्कार के बाद चमड़ा उद्योग में बहुत तेजी से इजाफा देखने को मिलेगा. इसे चमड़ा उद्योग में किसी क्रांति के तरह पर देखा जा रहा है. प्रोजेक्ट को लीड करने वाले साइंटिस्ट अंजिन्युलु कोथाकोटा का कहना है कि सिंथेटिक चमड़े या जानवरों से मिलने वाले चमड़े के मुकाबले शाकाहारी चमड़े को तैयार करने का प्रोसेस बेहद अलग है. साइंटिस्ट अंजिन्युलु ने आगे कहा कि यह वेज चमड़ा लागत में बेहद सस्ता है और पर्यावरण के भी अनुकूल है.
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