गिरावट का नुकसान भी अपने आप में बड़ा रिस्क है.
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नई दिल्ली: कोरोना वायरस (Corona Virus) की आग अब भारत के शेयर मार्केट को जला रही है. बाजार सुबह से ही गिरावट के नए रिकॉर्ड बना रहे हैं. ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यही है कि आम निवेशक अभी क्या करे? कुछ लोगों को उम्मीद है कि बाजार जल्द संभल जाएगा, लेकिन गिरावट का नुकसान भी अपने आप में बड़ा रिस्क है. ऐसे में हमारे सहयोगी ज़ीबिज ने कई सुझाव दिए हैं. झट से पढ़िए और कदम उठाइए...
बाजार में करेक्शन का दौर
ज़ी बिज़नेस के मैनेजिंग एडिटर अनिल सिंघवी ने बाजार के निवेशकों के लिए एक ठोस रणनीति बताई है. उनका मानना है कि बाजार में इस वक्त ठहराव की जरूरत है. करेक्शन का दौर है, पैनिक न करे. उनके मुताबिक इस वक्त बाजार को जज करना मुश्किल है. लेकिन, इन्वेस्टर्स को ऑप्टिमिस्ट (आशावादी) नहीं होना है. ग्लोबल मार्केट में सुधार देखकर ये न समझें कि सबकुछ ठीक हो गया है. 1300 प्वाइंट डाओ जोंस चढ़ गया है. साथ ही पैसिमिस्ट (निराशावादी) भी मत रहिए कि दुनिया खत्म हो जाएगी. ऐसे 50 वायरस पहले भी आए और चले गए. कई बार बाजार में करेक्शन भी आया. लेकिन, दुनिया खत्म नहीं होगी. न मार्केट खत्म होंगे और न ही प्रॉब्लम खत्म होंगी.
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कमजोर दिल वाले न करें ट्रेड
बाजार को लेकर रियलस्टिक रहिए. बाजार की स्क्रीनिंग कीजिए. इस वक्त बाजार ऊपर आएंगे तो बिकवाली होगी. कमजोर दिल वालों को ट्रेड नहीं करना चाहिए. ओवरनाइट पोजिशन नहीं रखनी चाहिए. छोटी क्वॉन्टिटी में दिन के दौरान बाजार में ट्रेड करें. बाजार में इस समय ट्रेड करने के बजाए सीखने के लिए इस्तेमाल करें. पैसा बचेगा तो आप बचेंगे. आप बचेंगे तो बाजार में पैसा बनेगा. आपका बचना जरूरी है, कमाई के लिए बाकी दिन हैं. 15 दिन निकाल दीजिए तो 350 दिन कमाई के लिए आपके हैं. लेकिन, 15 दिन बाजार में एडवेंचर किया तो 350 दिन खाली रहना पड़ सकता है. इन्वेस्टर्स को क्या करना चाहिए.
बाजार के जानकारों ने बताया कि कोरोनावायरस का प्रकोप दुनियाभर में गहराने और इससे निपटने के लिए उठाए जा रहे एहतियाती कदमों से बाजार में घबराहट का माहौल बना हुआ है. कोरोना का कहर और अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल में गिरावट के कारण वैश्विक अर्थव्यवस्था पर मंदी की आशंका बनी हुई है, जिसके चलते बिकवाली का दबाव बना हुआ है.