कैसे अडानी मामले में SEBI चीफ आईं लपेटे में, कौन हैं धवल बुच, जिनका नाम लेकर हिंडनबर्ग ने फोड़ा एक और 'बम'
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कैसे अडानी मामले में SEBI चीफ आईं लपेटे में, कौन हैं धवल बुच, जिनका नाम लेकर हिंडनबर्ग ने फोड़ा एक और 'बम'

जिस अमेरिकी शॉर्ट सेलर फर्म हिंडनबर्ग ने करीब डेढ़ साल पहले एक रिपोर्ट जारी कर भारतीय शेयर बाजार में खलबली मचा दी थी, उसने एक बार फिर से खुलासे का बम फोड़ा है.

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What is Hindenburg Report: जिस अमेरिकी शॉर्ट सेलर फर्म हिंडनबर्ग ने करीब डेढ़ साल पहले एक रिपोर्ट जारी कर भारतीय शेयर बाजार में खलबली मचा दी थी, उसने एक बार फिर से खुलासे का बम फोड़ा है. हिंडनबर्ग ने अपनी रिपोर्ट में इस बार किसी कारोबारी के खिलाफ नहीं बल्कि शेयर बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड ( SEBI) की चेयरपर्सन माधवी पुरी बुच और धवल बुच के खिलाफ रिपोर्ट जारी की है.

अपनी रिपोर्ट में हिंडनबर्ग ने खुलासा किया है कि माधबी बुच और धवल बुच के पास एक ऐसे ऑफशोर फंड में हिस्सेदारी थी, जिसमें गौतम अडानी का बड़ा निवेश है. हिंडनबर्ग ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया है कि माधबी पुरी बुच और उनके पति धवल बुच की उन ऑफशोर कंपनियों में हिस्सेदारी रही है, जो अडानी ग्रुप (Adani Group) की वित्तीय अनियमिताओं से जुड़ी थीं. माधवी पुरी बुच सेबी की पहली महिला चेयरमैन हैं. अब जानते हैं कि धवल बुच कौन हैं ? 

कौन हैं धवल बुच  

हिंडनबर्ग के खुलासे में माधुरी पुरी के साथ-साथ धवल बुच का नाम भी शामिल है. बता दें कि धवल बुच माधुरी पुरी के पति हैं. वो  ब्लैकस्टोन और अल्वारेज़ एंड मार्शल कंपनी में सीनियर एडवाइजर के तौर पर नियुक्त हैं. इसके अलावा वो गिल्डन बोर्ड के मेंबर भी हैं.  IIT से मैकेनिकल इंजीनियरिंग करने के बाद वो यूनिलीवर में एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर रह चुके हैं.  मौजूदा वक्त में धवल बुच Blackstone और Alvarez & Marsal में एक सीनियर एडवाइजर हैं.  

हिंडनबर्ग ने लगाए क्या आरोप 

हिंडनबर्ग ने अपने आरोप में कहा है कि अडानी से जुड़ी कंपनी ने बरमूडा रजिस्टर्ड, ग्लोबल डायनेमिक ऑपर्च्युनिटीज फंड में निवेश किया. इसके बाद ग्लोबल डायनेमिक ऑपर्च्युनिटीज फंड ने मॉरीशस के IPE Plus 1 में इनवेस्ट किया. इस कंपनी में बुच ने भी निवेश किया था. हिंडनबर्ग के आरोप के मुताबिक बुच दंपत्ति ने IPE Plus 1 फंड में निवेश करने के लिए साल 2015 में  IIFL के जरिए सिंगापुर में खाता खोला था.  हिंडनबर्ग ने धवल बुच पर आरोप लगाया कि उनकेपास उस विदेशी फंड में हिस्सेदारी है, जिसका उपयोग अडानी समूह में पैसे की हेराफेरी के लिए किया था.  

 

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