सोना नहीं यह है चांदी खरीदने का सही समय, जानिए क्‍यों
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सोना नहीं यह है चांदी खरीदने का सही समय, जानिए क्‍यों

भारत में लोग अब भी सोने और चांदी में निवेश में ज्‍यादा रुचि लेते हैं. लेकिन सोने के मुकाबले चांदी खरीदना आसान होता है

इस समय चांदी में निवेश बेहतर होगा क्‍योंकि यह 38,000 रुपये के स्तर से नीचे आ गई है. (फाइल फोटो)

नई दिल्ली : भारत में लोग अब भी सोने और चांदी में निवेश में ज्‍यादा रुचि लेते हैं. सोने के मुकाबले चांदी खरीदना आसान होता है क्‍योंकि इसमें लागत कम लगती है. और इस समय चांदी में निवेश बेहतर होगा क्‍योंकि यह 38,000 रुपये के स्तर से नीचे आ गई है. घरेलू हाजिर बाजार में उपभोक्ता उद्योगों का उठाव कम होने और विदेशी बाजारों से कमजोरी के संकेतों के कारण बीते सप्ताह दिल्ली सर्राफा बाजार में चांदी की कीमत 575 रुपये की गिरावट के साथ 37,775 रुपये प्रति किग्रा रह गई. हालांकि लिवाली और बिकवाली के बीच सीमित दायरे में घट बढ़ के बाद सोने की कीमत अंतत: 31,350 रुपये प्रति 10 ग्राम पर अपरिवर्तित रुख दर्शाती बंद हुई.

विदेश में भी कीमती धातु की मांग घटी

बाजार सूत्रों ने कहा कि घरेलू हाजिर बाजार में उपभोक्ता उद्योगों और सिक्का निर्माता कंपनियों का उठाव कम होने के अलावा विदेशों में कमजोरी के रुख होने से मुख्यत: चांदी की कीमतों पर दबाव रहा. वैश्विक बाजार, न्यूयॉर्क में चांदी सप्ताहांत में गिरावट के साथ 14.17 डॉलर प्रति औंस सोना गिरावट के साथ 1,196.20 डॉलर प्रति औंस पर बंद हुई. राष्ट्रीय राजधानी में चांदी तैयार की कीमत भी सप्ताहांत में 575 रुपये की गिरावट के साथ 37,775 रुपये प्रति किलो पर बंद हुई जबकि चांदी साप्ताहिक डिलिवरी की कीमत 50 रुपये की तेजी दर्शाती 37,165 रुपये प्रति किलो पर बंद हुई. सप्ताह के दौरान चांदी में 37,850 रुपये से 37,600 रुपये प्रति किलो के दायरे में घट बढ़ देखी गई.

रुपए का कमजोर होना भी डाल रहा असर
समीक्षाधीन अवधि में चांदी सिक्कों की कीमत 1,000 रुपये की गिरावट के साथ सप्ताहांत में लिवाल 72,000 रुपये और बिकवाल 73,000 रुपये प्रति सैकड़ा पर बंद हुई. दूसरी ओर 99.9 प्रतिशत और 99.5 प्रतिशत शुद्धता वाले सोने के भाव सुस्ती का रुख दर्शाते खुले और लिवाली समर्थन के अभाव में कमश: 31,200 रुपये और 31,050 रुपये प्रति 10 ग्राम तक नीचे चले गए. बाद में डॉलर के मुकाबले रुपये का अवमूल्यन होने के बीच विदेशों में मजबूती के रुख के साथ स्थानीय आभूषण कारोबारियों की लिवाली के कारण सप्ताह के अंत में अपने पिछले सप्ताहांत के बंद भाव के मुकाबले बगैर कोई बदलाव प्रदर्शित किये क्रमश: 31,350 रुपये और 31,200 रुपये प्रति 10 ग्राम पर पूर्ववत बंद हुए. हालांकि, छिटपुट सौदों के कारण गिन्नी की कीमत सीमित दायरे में घट बढ़ के बाद सप्ताहांत में 24,500 रुपये प्रति आठ ग्राम के पूर्वस्तर पर ही बंद हुई.

इनपुट एजेंसी से भी

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