IAS Story: रेलवे की नौकरी नहीं आई पसंद और बन गईं अपने गांव की पहली आईएएस अफसर, जानिए पूरी कहानी
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IAS Story: रेलवे की नौकरी नहीं आई पसंद और बन गईं अपने गांव की पहली आईएएस अफसर, जानिए पूरी कहानी

UPSC AIR 5 Mamta Yadav: ममता की सफलता इसलिए भी खास है क्योंकि उन्होंने अधिकतर सेल्फ स्टडी की. यूपीएससी से पहले ममता एसएससी की परीक्षा भी पास कर चुकी हैं.

IAS Story: रेलवे की नौकरी नहीं आई पसंद और बन गईं अपने गांव की पहली आईएएस अफसर, जानिए पूरी कहानी

IAS officer Mamta Yadav: ममता यादव ने 2021 में संघ लोक सेवा आयोग, (UPSC) यूपीएससी सीएसई में ऑल इंडिया रैंक 5 हासिल की है. 24 साल की ममता अपने पूरे गांव में आईएएस अधिकारी बनने वाली पहली महिला बन गईं. AIR 5 हासिल करना उसके लिए बेहद खास है क्योंकि उसने पिछले साल भी इस परीक्षा में हिस्सा लिया था और AIR 556 हासिल किया था. चयनित होने के बाद, उन्होंने भारतीय रेलवे कार्मिक सेवा के लिए प्रशिक्षण शुरू किया, लेकिन ममता इससे खुश नहीं हुईं. इसलिए, उन्होंने फिर से कोशिश की और इस बार AIR 5 हासिल करके अपार सफलता पाई.

गुरुग्राम के बसई गांव निवासी ममता के पिता अशोक यादव एक निजी कंपनी में काम करते हैं और उनकी मां सरोज यादव हाउसवाइफ हैं. ममता ने अपनी शिक्षा दिल्ली से पूरी की है और वह हिंदू कॉलेज, दिल्ली विश्वविद्यालय की पूर्व छात्रा हैं.

मीडिया को दिए इंटरव्यू में ममता कहती हैं कि पहले मैं दिन में 8 से 10 घंटे पढ़ाई करती थी, लेकिन कहीं कुछ न कुछ कमी थी. इसलिए इस बार अपने लक्ष्य को पाने करने के लिए मैंने रोजाना 10 से 12 घंटे सेल्फ स्टडी की और अंत में अपने लक्ष्य को प्राप्त कर लिया.

ममता की सफलता इसलिए भी खास है क्योंकि उन्होंने अधिकतर सेल्फ स्टडी की. यूपीएससी से पहले ममता एसएससी की परीक्षा भी पास कर चुकी हैं. ममता यादव अपने गांव की पहली महिला हैं, जो सिविल सर्विसेज में शामिल हुईं. यही वजह है कि उनके परिवार के साथ ही गांव का बच्चा-बच्चा उनके पास होने से खुश था. ममता ने कोचिंग के साथ सेल्फ स्टडी की और उनकी रणनीति काम कर गई. ममता ने यूपीएससी परीक्षा की तैयारी के लिए एनसीईआरटी और अन्य मानक पुस्तकों की मदद ली.

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