Future Jobs: इस रिपोर्ट ने स्पष्ट किया है कि टेक्नीकल प्रोग्रेस के साथ स्किल डेवलपमेंट भी बेहद जरूरी है. रोजगार के इन नए अवसरों का लाभ उठाने के लिए युवा पीढ़ी को खुद को नई तकनीकों और रिलेवेंट स्किल्स से लैस करना होगा.
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Jobs of The Future Report 2025: विश्व आर्थिक मंच (WEF) की नई रिपोर्ट ने भविष्य की नौकरियों पर बड़ा खुलासा किया है. रिपोर्ट के अनुसार साल 2030 तक खेतिहर मजदूरों और ड्राइवरों की मांग में तेजी से इजाफा होगा. जबकि, कैशियर और टिकट क्लर्क जैसी नौकरियां तेजी से कम होंगी. नई तकनीकों और बदलते आर्थिक माहौल के बीच ये बदलाव नौकरियों के परिदृश्य को पूरी तरह से बदल कर रख देगा.
कृषि और वाहन क्षेत्र में रोजगार की बढ़ती मांग
रिपोर्ट में बताया गया है कि अगले कुछ वर्षों में कृषि श्रमिक, हल्के ट्रक ड्राइवर और निर्माण मजदूरों की मांग में उल्लेखनीय वृद्धि होगी. बढ़ती जनसंख्या और जरूरी सेवाओं की बढ़ती जरूरतों के कारण इन क्षेत्रों में रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे.
एआई और तकनीकी प्रगति का प्रभाव
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, रोबोटिक्स और नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में तेजी से हो रही प्रगति का प्रभाव श्रम बाजार पर साफ दिखेगा. एआई के कारण सॉफ्टवेयर डेवलपर्स, साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट्स और डेटा विश्लेषकों की मांग बढ़ेगी. वहीं, रचनात्मक सोच और प्रॉब्लम-सॉल्विंग जैसे ह्यूमन स्किल्स महत्वपूर्ण बने रहेंगे.
तेजी से घटती नौकरियां
डब्ल्यूईएफ की रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि कैशियर, टिकट क्लर्क, एडमिनिस्ट्रेटिव असिस्टेंट और डेटा एंट्री क्लर्क जैसी भूमिकाओं में गिरावट आएगी. इसका मुख्य कारण नई तकनीकों का बढ़ता उपयोग है, जो इन नौकरियों को अप्रासंगिक बना रहा है.
शिक्षा और देखभाल के क्षेत्र में बेहतर भविष्य
एजुकेशनऔर हेल्थकेयर जैसे क्षेत्रों में भी नौकरियों में बढ़ोतरी होगी. नर्सिंग प्रोफेशनल्स, माध्यमिक शिक्षक और पर्सनल केयरटेकर, असिस्टेंट जैसे काम आने वाले समय में हाई डिमांड में रहेंगे.
ग्राफिक डिजाइन जैसे क्रिएटिव क्षेत्रों पर असर
डब्ल्यूईएफ की रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि एआई की प्रगति से ग्राफिक डिजाइन और अन्य क्रिएटिव क्षेत्रों में नौकरियों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा. जनरेटिव एआई के चलते कंपनियां कम लागत में क्वालिटी डिजाइन तैयार कर पा रही हैं, जिससे इस क्षेत्र में मानव श्रमिकों की जरुरत घट रही है.
स्किल डेवलपमेंट जरूरी
रिपोर्ट ने इस बात पर जोर दिया है कि कौशल विकास में निवेश समय की मांग है. तेजी से बदलते श्रम बाजार में बने रहने के लिए कर्मचारियों को अपने तकनीकी और ह्यूमन स्किल को अपडेट करना होगा. सरकारों और कंपनियों को मिलकर ऐसे कार्यक्रम शुरू करने की सलाह दी गई है, जो युवाओं और प्रोफेशनल्स को नए दौर की नौकरियों के लिए तैयार करें.
(इनपुट - भाषा)