कहानी गुरुओं की: कोई तैरकर टाइम पर पहुंचता स्कूल तो कोई 9 साल की उम्र से पढ़ा रहा
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कहानी गुरुओं की: कोई तैरकर टाइम पर पहुंचता स्कूल तो कोई 9 साल की उम्र से पढ़ा रहा

Happy Teachers Day 2024: वे अद्भुत लोग हैं जिन्होंने स्टूडेंट लाइफ को आकार देने के लिए अपना जीवन लगा दिया है और उन्हें जीवन में सफलता प्राप्त करने के लिए मार्गदर्शन दिया है.

कहानी गुरुओं की: कोई तैरकर टाइम पर पहुंचता स्कूल तो कोई 9 साल की उम्र से पढ़ा रहा

Story of Gurus: गुरू वो होता है जो क्रिएटिविटी, नॉलेज और एक्सप्रेशन को जगाता है. शिक्षक ही वह होता है जो हमारी कल्पना को प्रज्वलित करता है और वह एकमात्र व्यक्ति है जो हमारे अंदर सीखने का प्यार पैदा कर सकता है. हम जिस करिकुलम को फॉलो करते हैं, वह ज्ञान के लिए एक कच्चा माल है. एक अच्छा शिक्षक वह होता है जो अपनी सहजता से स्थायी प्रभाव डालता है. शिक्षक हर किसी के जीवन में एक अलग स्थान रखते हैं, वे अपने स्टूडेंट्स की आत्मा को छूते हैं और उनमें बेस्ट लाते हैं. वे अद्भुत लोग हैं जिन्होंने स्टूडेंट लाइफ को आकार देने के लिए अपना जीवन लगा दिया है और उन्हें जीवन में सफलता प्राप्त करने के लिए मार्गदर्शन दिया है. हम उन महान शिक्षकों के बारे में बात कर रहे हैं जिन्होंने कठिन परिस्थितियों को पार किया.

बाबर अली - 9 साल की उम्र से शिक्षक

कौन कहता है कि पढ़ाने के लिए उम्र काफी होनी चाहिए? बाबर अली तो नहीं! यह 21 साल का युवक जीवन भर पढ़ाता रहा है. उसने 9 साल की छोटी सी उम्र में पढ़ाना शुरू कर दिया था. "मैं सोच भी नहीं सकता कि 9 साल की उम्र में मैं क्या कर रहा था." 15 साल की उम्र में जब हममें से अधिकांश लोग अपनी किशोरावस्था से जूझ रहे होते हैं, यह व्यक्ति अपने अस्थायी स्कूल का प्रिंसिपल बन गया. उनके अस्थायी स्कूल में आज लगभग 300 छात्र पढ़ाई करते हैं तथा 6 फुलटाइम टीचर हैं. यदि यह प्रेरणादायक और असामान्य बात नहीं है, तो क्या है?

अब्दुल मलिक - समय पर स्कूल पहुंचने के लिए तैरते हैं?

क्या आप वर्कप्लेस से थोड़ी दूर रहने के कारण काम पर देर से आते हैं? यह फैमिलियर लगता है? आप इस समर्पित व्यक्ति के बारे में पढ़ना चाहेंगे, क्योंकि आपको उनके जैसे बहुत कम लोग मिलेंगे. अब्दुल मलिक केरल के मलप्पुरम जिले में एक प्राइमरी स्कूल के टीचर हैं; वह रोजाना स्कूल  तैरकर जाते हैं क्योंकि यह उनके स्कूल तक पहुंचने का सबसे छोटा रास्ता है. वह 12 किलोमीटर की दूरी तय करने के लिए बस में 3 घंटे की यात्रा करने की बजाय, उफनती नदी में तैरकर जाने का विकल्प चुनते हैं, जो आसान और फास्ट तो है, लेकिन सुरक्षित नहीं है. वह समय पर अपने स्कूल पहुंचने के लिए नदी के रास्ते से जाते हैं.

Teacher vs Student: क्‍या बनना है ज्‍यादा मुश्‍क‍िल

कमलेश ज़पाडिया - क्विज़ मास्टर

कमलेश जपड़िया स्टूडेंट्स के लिए पढ़ाई को और अधिक रोचक बनाने के उद्देश्य से अपने गांव से रोजाना 20 किमी की यात्रा कर पास के साइबरकैफे तक जाते हैं. उन्होंने एडुसाफर नाम से एक वेबसाइट डेवलप की है, जहां वे कक्षा 1 से 10 तक का पूरा सिलेबस क्विज के रूप में अपलोड करते हैं. चेहरे पर मुस्कान के साथ वह कहते हैं, "यह कौन बनेगा करोड़पति जैसा है."

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