पिता को खोया, 13 साल अनाथालय में रहा, फिर अखबार बेचने वाला बिना UPSC क्लियर किए बना कलेक्टर
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पिता को खोया, 13 साल अनाथालय में रहा, फिर अखबार बेचने वाला बिना UPSC क्लियर किए बना कलेक्टर

IAS B Abdul Nasar: अब्दुल नासर नें 5 साल की उम्र में अपने पिता को खो दिया था. इसके बाद वह अनाथालय में रहा करते थे. उन्होनें अपनी पढ़ाई और घर का खर्च निकालने के लिए घर-घर अखबार भी बेचा, पर आज वह कलेक्टर के पद पर कार्यरत हैं.

पिता को खोया, 13 साल अनाथालय में रहा, फिर अखबार बेचने वाला बिना UPSC क्लियर किए बना कलेक्टर

IAS B Abdul Nasar UPSC Success Story: सिविल सेवा परीक्षा को भारत की सबसे चुनौतीपूर्ण प्रतियोगी परीक्षाओं में से एक माना जाता है. कड़ी मेहनत, दृण संकल्प और वर्षों की तैयारी के बाद लाखों उम्मीदवारों में से कुछ उम्मीदवार ही आईएएस और आईपीएस का पद हासिल कर पाते हैं. इस परीक्षा में सफल होने के लिए बहुत से छात्र कोचिंग इंस्टीट्यूट का विकल्प चुनते हैं और मोटी फीस का भुगतान भी करते हैं, लेकिन इसके बावजूद आईएएस या आईपीएस बनने का सपना केवल कुछ ही उम्मीदवारों का पूरा हो पाता है. हालांकि, आर्थिक रूप से कमजोर बैकग्राउंड के उम्मीदवारों के लिए सिविल सेवा परीक्षा की कोचिंग हासिल करना चुनौतीपूर्ण होता है और आज हम आपको एक ऐसा ही एक उदाहरण आईएएस अधिकारी बी अब्दुल नासर के बारे में बताएंगे.

बिना UPSC क्लियर किए बने IAS
आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि आईएएस बी अब्दुल नासर ने यूपीएससी परीक्षा पास नहीं की, फिर भी वह आईएएस अधिकारी के पद तक पहुंचने में सफल रहे. हां, यह सच है! अब आपके मन में अगला सवाल घूम रहा होगा कि 'कैसे'? आइए इस दिलचस्प और प्रेरणादायक यात्रा के बारे में जानें.

5 साल की उम्र में पिता को खोया
केरल के कन्नूर जिले के थलास्सेरी के रहने वाले, नासर ने 5 साल की उम्र में अपने पिता को खो दिया था. नतीजतन, वह और उसके भाई-बहन एक अनाथालय में रहते थे, जबकि उनकी मां घरेलू सहायिका के रूप में काम करके परिवार का भरण-पोषण करती थीं. कई चुनौतियों के बावजूद, नासर ने केरल के एक अनाथालय में कुल 13 साल बिताकर अपनी स्कूली शिक्षा पूरी की. 10 साल की उम्र में, उन्होंने अपने परिवार की आजीविका में योगदान देने के लिए क्लीनर और होटल सप्लायर के रूप में काम किया.

न्यूजपेपर बेचकर किया गुजारा
बाद में उन्होंने थालास्सेरी के सरकारी कॉलेज से ग्रेजुएशन की पढ़ाई की. बी अब्दुल नासर ने अखबार बेचने, ट्यूशन पढ़ाने और फोन ऑपरेटर के रूप में काम करने सहित विभिन्न प्रकार की नौकरियों के माध्यम से अपने परिवार का समर्थन किया.

पहले राज्य सिविल सेवा में बने डिप्टी कलेक्टर
1994 में, नासर ने पोस्ट ग्रेजुएशन की डिग्री प्राप्त करने के बाद केरल स्वास्थ्य विभाग में एक सरकारी कर्मचारी के रूप में अपना करियर शुरू किया. फिर, सार्वजनिक सेवा के प्रति अपनी प्रतिबद्धता और मेहनती प्रयासों के माध्यम से, उन्हें धीरे-धीरे प्रमोशन मिला और अंततः 2006 तक वह राज्य सिविल सेवा में डिप्टी कलेक्टर की भूमिका तक पहुंच गए.

अंत में मिला IAS के पद पर प्रमोशन
साल 2015 में, नासर को केरल के टॉप डिप्टी कलेक्टर के रूप में मान्यता मिली, जिससे 2017 में उन्हें आईएएस अधिकारी (IAS Officer) के पद पर प्रमोशन मिला. उन्होंने 2019 में कोल्लम के जिला कलेक्टर की भूमिका संभालने से पहले केरल सरकार में आवास आयुक्त के रूप में कार्य किया.

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