Success Story: मां चलाती थीं पेट्रोल पंप, बेटी ने फर्स्ट अटेंप्ट में क्लियर किया UPSC, बनीं अपने बैच की सबसे छोटी IAS
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Success Story: मां चलाती थीं पेट्रोल पंप, बेटी ने फर्स्ट अटेंप्ट में क्लियर किया UPSC, बनीं अपने बैच की सबसे छोटी IAS

IAS Success Story: एक इंटरव्यू में स्वाति ने बताया कि उनकी मां हमेशा चाहती थीं कि वो डॉक्टर बनें. यूपीएससी की तैयारी के दौरान स्वाति को उनके पिता का पूरा सहयोग मिला. 

Success Story: मां चलाती थीं पेट्रोल पंप, बेटी ने फर्स्ट अटेंप्ट में क्लियर किया UPSC, बनीं अपने बैच की सबसे छोटी IAS

IAS Swati Meena: UPSC परीक्षा पास करना और IAS बनना वाकई बहुत मुश्किल है. कई लोग बीच में ही हार मान लेते हैं और दूसरी सरकारी नौकरियों की तरफ रुख कर लेते हैं. IPS, IFS या IAS बनने के लिए बहुत से लोग UPSC CSE परीक्षा देते हैं.

हां, ये बिल्कुल सही है कि UPSC परीक्षा पास करना बहुत कठिन होता है. लाखों लोग हर साल इस परीक्षा को देते हैं, लेकिन सिर्फ लगभग हज़ार ही लोग फाइनल लिस्ट में आ पाते हैं. तैयारी करने में बहुत सारे उम्मीदवार कोचिंग की मदद लेते हैं, लेकिन कुछ लोग बिना कोचिंग के भी खुद से पढ़ाई करके ये कठिन परीक्षा पास कर लेते हैं. ऐसी ही एक उदाहरण हैं स्वाति मीणा नाईक, जिन्होंने सिर्फ 22 साल की उम्र में अपने पहले ही अटेंप्ट में UPSC पास कर लिया और अपने बैच की सबसे कम उम्र की IAS अधिकारी बनीं.

आईएएस स्वाति राजस्थान के सीकर जिले से ताल्लुक रखती हैं. वह 2008 बैच की मध्य प्रदेश कैडर की अफसर हैं. उन्होंने साल 2007 में मात्र 22 साल की उम्र में ही पहली कोशिश में यूपीएससी की परीक्षा पास कर ली थी. उस साल उन्हें पूरे भारत में 260 वीं रैंक मिली थी. वह अपने बैच की सबसे कम उम्र की आईएएस अफसर थीं.

केंद्र सरकार ने हाल ही में आईएएस स्वाति को पेयजल और स्वच्छता विभाग का नया प्रमुख बनाया है. ये विभाग पीने के पानी और स्वच्छता मंत्रालय के अंतर्गत आता है. स्वाति पहले मध्य प्रदेश सरकार में महिला एवं बाल विकास विभाग में सचिव थीं. उन्हें अपने काम के लिए जाना जाता है और वह बहुत मेहनती मानी जाती हैं.

उनकी मां, डॉक्टर सरोज मीणा, एक पेट्रोल पंप चलाती थीं, उसके बाद उनके पिता राजस्थान प्रशासनिक सेवा (RAS) में अफसर बन गए. उन्होंने अजमेर में स्कूल की पढ़ाई पूरी की और अजमेर के सोफिया गर्ल्स कॉलेज से उन्होंने डिप्लोमा हासिल किया. उनकी छोटी बहन 2011 बैच की भारतीय विदेश सेवा (IFS) की अधिकारी हैं.

एक इंटरव्यू में स्वाति ने बताया कि उनकी मां हमेशा चाहती थीं कि वो डॉक्टर बनें. लेकिन, जब स्वाति आठवीं कक्षा में थीं, तब उनकी एक बुआ की शादी हुई और वो अफसर बनकर काम करने लगीं. ये देखकर स्वाति ने भी अफसर बनने का फैसला किया. यूपीएससी की तैयारी के दौरान स्वाति को उनके पिता का पूरा सहयोग मिला. आज स्वाति देश की एक जानी-मानी आईएएस अफसर हैं.

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