IPS Story: राजस्थान में IPS मृदुल कच्छावा के नाम से ही डकैत खौफ खाते हैं. उन्होंने जर्मन बैंक की नौकरी छोड़कर यूपीएससी सिविल सेवा की राह चुनी और आईपीएस बने. चलिए आपको बताते हैं उनकी सक्सेस स्टोरी...
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IPS Mridul Kachawa Success Story: भारतीय पुलिस सेवा के ऑफिसर जहां पोस्टेड होते हैं, वहां अपने बेहतरीन काम के दम पर एक अलग पहचान हासिल कर लेते है. ऐसे ही राजस्थान कैडर के एक आईपीएस हैं मृदुल कच्छावा, जिनके नाम का खौफ डाकूओं में भी है. ये डकैतों के लिए 'काल' सरीखे हैं. आईपीएस मृदुल कच्छावा अभी राजस्थान के झुंझुनूं में एसपी हैं. पढ़िए उनकी सफलता की कहानी...
अक्सर चंबल बीहड़ में पहुंच जाती थी टीम
चंबल के इलाके धौलपुर में आज भी डकैतों का राज है. दरअसल, 5 जुलाई 2019 से लेकर 8 जुलाई 2020 के दौरान आईपीएस मृदुल कच्छावा धौलपुर में एसपी रहे. आईपीएस ने धौलपुर में एक दर्जन सीआई, आरएसी के जवान और साइबर सेल की एक टीम बनाई थी. कोरोना महामारी दौराम हुए लॉकडाउन में ही मृदुल AK-47 लेकर टीम के साथ चंबल के बीहड़ में उतर गए थे. बताया जाता है कि लॉकडाउन के दौरान ही इस टीम ने स्पेशल ऑपरेशन चलाकर 22 डकैतों को पकड़ा था.
बड़े-बड़े चंबल के डकैत फंसे IPS के जाल में
चंबल के बीहड़ में उतरकर डकैतों को पकड़ना आसान नहीं है. ये कभी फूलन देवी, माधो सिंह, मलखान,जगजीवन परिहार और डकैत पान सिंह जैसे खूंखार डकैतों की शरणस्थली रही है. वहीं, आईपीएस मृदुल कच्छावा के खौफ इतना था कि डकैतों से हुई कई मुठभेड़ के दौरान बड़े डकैतों ने धौलपुर पुलिस के सामने घुटने टेक कर सरेंडर कर दिया. धौलपुर में बतौर एसपी मृदुल कच्छावा ने सालभर के कार्यकाल में 57 डकैतों और हार्डकोर अपराधियों को दबोकर जेल की हवा खिलाई. इनमें पप्पू गुर्जर, लाल सिंह, रामविलास, भारत और रघुराज गुर्जर जैसे खूंखार डकैतों का नाम शामिल है.
कहां से हुई है पढ़ाई-लिखाई?
मृदुल राजस्थान के बीकानेर जिले के गंगशहर के रहने वाले हैं. 30 अगस्त 1989 को जन्मे मृदुल की शरुआती शिक्षा बीकानेर से हुई. फिर इनका परिवार जयपुर आकर बस गया. उन्हों ने केंद्रीय विद्यालय जयपुर से 12वीं पास की और फिर कॉमर्स कॉलेज जयपुर से बीकॉम में ग्रेजुएशन किया. फिर मृदुल ने राजस्थान यूनिवर्सिटी से इंटरनेशनल बिजनेस में मास्टर्स किया. उन्होंने चार्टर्ड अकाउंटेंट और कंपनी सेक्रेटी की पढ़ाई की.
सेना में जाने का था सपना
इसके बाद मुंबई चले गए और उन्हें जर्मनी की एक बैंक में नौकरी मिल गई. हालांकि, मृदुल सेना अधिकारी बनना चाहते थे. ऐसे में बैंक की जॉब छोड़ वह एनडीए की तैयारी में जुट गए, जिसमें दो बार असफल रहे. इसके बाद उन्होंने भारतीय पुलिस सेवा में जाने का फैसला लिया और दिल्ली में रहकर यूपीएससी की तैयारी करने लगे.
साल 2014 में यूपीएससी की परीक्षा में सफलता हासिल हुई, लेकिन भारतीय डाक सेवा मिली. इसके बाद साल 2015 में यूपीएससी की परीक्षा दी और 216 रैंक हासिल की. ट्रेनिंग के बाद मृदुल को होम कैडर राजस्थान में काम करने का मौका मिला.
अब तक कई जगह दे चुके हैं सेवाएं
मृदुल ने बतौर एएसपी भीलवाड़ा से अपनी सर्विस शुरू की. उन्होंने श्रीगंगानगर ग्रामीण में सीओ, एसीबी अजमेर में एसपी भी रहे. मृदुल करौली में 3 जुलाई 2020 से 2 जनवरी 2022 तक एसपी रहे. फिर जयपुर सिटी (साउथ) में डीसीपी पद पर पोस्टिंग मिली, जहां से 4 जुलाई 2022 को झुंझुनूं एसपी पद पर ट्रांसफर हुआ.
आईपीएस की निजी जिंदगी
मृदुल कच्छावा की शादी साल 2018 में कनिका सिंह से हुई. कनिका सीनियर आईपीएस पीके सिंह की बेटी हैं. मृदुल को घुड़सवारी करना बहुत पसंद है. इसके अलावा वह बास्केटबॉल खेलना, डॉग्स पालना और वाइल्ड लाइफ फोटोग्राफी क भी शौक रखते हैं.