2025 के लिए 15 सितंबर तक मंजूर होंगी सिफारिशें, जानिए कैसे होता है पद्म पुरस्कारों के लिए नॉमिनेशन
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2025 के लिए 15 सितंबर तक मंजूर होंगी सिफारिशें, जानिए कैसे होता है पद्म पुरस्कारों के लिए नॉमिनेशन

Padma Awards: साल 2025 में मिलने वाले पद्म पुरस्कारों के लिए नामांकन की प्रक्रिया शुरू है और इनके लिए सिफारिशें 15 सितंबर तक स्वीकार किए जाएंगे. आइए जानते हैं कि पद्म अवॉर्ड्स के लिए नॉमिनेशन कैसे होता है..

2025 के लिए 15 सितंबर तक मंजूर होंगी सिफारिशें, जानिए कैसे होता है पद्म पुरस्कारों के लिए नॉमिनेशन

Highest Civilian Awards of India: पद्म पुरस्कारों के लिए नामांकन और सिफारिश की ऑनलाइन प्रक्रिया जारी है. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने मंगलवार को कहा कि 2025 कि पद्म पुरस्कार 2025 के लिए नॉमिनेशन करने की लास्ट डेट 15 सितंबर 2024 है. चलिए जानते हैं कि पद्म अवॉर्ड्स के लिए नॉमिनेशन कैसे होता है...

गृह मंत्रालय ने एक बयान में कहा, "गणतंत्र दिवस 2025 के अवसर पर घोषित किए जाने वाले पद्म पुरस्कार 2025 के लिए नामांकन/सिफारिशें  1 मई 2024 से प्रारंभ हो चुकी हैं. पद्म पुरस्कारों के लिए नामांकन की अंतिम तिथि 15 सितंबर 2024 है." मंत्रालय के बयान के अनुसार पद्म पुरस्कारों के लिए नॉमिनेशन/सिफारिशें सिर्फ राष्ट्रीय पुरस्कार पोर्टल पर ऑनलाइन प्राप्त की जाएंगी.

कैसे होता है पद्म अवॉर्ड्स के लिए नॉमिनेशन? 
पद्म विभूषण, पद्म भूषण और पद्म श्री देश के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कारों में शामिल हैं. साल 1954 में स्थापित इन पुरस्कारों की घोषणा हर साल गणतंत्र दिवस के अवसर पर की जाती है. ये पुरस्कार 'विशिष्ट कार्य' को मान्यता देने के लिए प्रदान किया जाता है. जो कला, साहित्य एवं शिक्षा, खेल, चिकित्सा, सामाजिक कार्य, विज्ञान एवं इंजीनियरिंग, लोक कार्य, सिविल सेवा, व्यापार और उद्योग आदि जैसे सभी क्षेत्रों/विषयों में विशिष्ट और असाधारण उपलब्धियों/सेवा के लिए दिए जाते हैं. सभी नागरिक अपने नाम सहित दूसरों के नामांकन के लिए सिफारिश कर सकते हैं.

अगर आप के आसपास भी कोई ऐसा रहता है, जिसने समाज की बेहतरी के लिए अपना अहम योगदान दिया है और वे पद्म अवॉर्ड हासिल करने के काबिल हैं, तो आप उन्हें ये सम्मान दिलाने में मदद कर सकते हैं. आप पद्म अवॉर्ड के लिए उनका या खुद का नाम दर्ज करा सकते हैं. 

कैसे होता है उम्मीदवारों का चुनाव?
नॉमिनेट कैंडिडेट्स में से किसे चुना जाए यह फैसला प्रधानमंत्री द्वारा हर साल गठित पद्म अवॉर्ड कमेटी करती है. कमेटी द्वारा चुने गए कैंडिडेट्स की लिस्ट प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति के पास अप्रूवल के लिए भेजी जाती है. इसके बाद गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर इन अवॉर्ड्स का ऐलान किया जाता है. इसके बाद मार्च-अप्रैल में अवॉर्ड सेरेमनी का आयोजन किया जाता है, जिसमें राष्ट्रपति द्वारा साइन किया हुआ सनद (सर्टिफिकेट) और प्राचीन पदक (मेडेलियन) मनोनीत उम्मीदवारों को दिया जाता है.

ये लोग नहीं है पुरस्कारों के लिए पात्र
डॉक्टरों और वैज्ञानिकों को छोड़कर सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों में काम करने वाले कर्मचारियों सहित सरकारी कर्मचारी पद्म पुरस्कारों के लिए पात्र नहीं हैं. सभी व्यक्ति जाति, व्यवसाय, स्थिति या लिंग के भेदभाव के बिना इन पुरस्कारों के लिए पात्र हैं. 

मंत्रालय द्वारा विज्ञप्ति में कहा गया, "सभी नागरिकों से अनुरोध है कि वे स्वयं नामांकन सहित नामांकन/सिफारिशें करें. महिलाओं, समाज के कमजोर वर्गों, अनुसूचित जातियों और जनजातियों, दिव्यांग व्यक्तियों में से ऐसे प्रतिभाशाली व्यक्तियों की पहचान करने के लिए ठोस प्रयास किए जा सकते हैं, जिनकी उत्कृष्टता और उपलब्धियां वास्तव में मान्यता के योग्य हैं और जो समाज के लिए निस्वार्थ सेवा कर रहे हैं." इसमें कहा गया है कि नरेंद्र मोदी सरकार पद्म पुरस्कारों को 'लोगों के पद्म' में बदलने के लिए प्रतिबद्ध है. 

इसमें कहा गया है कि नॉमिनेशन/सिफारिशों में पोर्टल पर उपलब्ध प्रारूप में निर्दिष्ट सभी प्रासंगिक विवरण शामिल होने चाहिए, जिसमें वर्णनात्मक रूप में उद्धरण (अधिकतम 800 शब्द) भी शामिल होना चाहिए, जिसमें अनुशंसित व्यक्ति की उसके संबंधित क्षेत्र/विषय में विशिष्ट और असाधारण उपलब्धियों/सेवा का स्पष्ट रूप से उल्लेख हो. इस संबंध में विस्तृत जानकारी गृह मंत्रालय की वेबसाइट और पद्म पुरस्कार पोर्टल पर 'पुरस्कार और पदक' टाइटल के तहत उपलब्ध है. 

(इनपुट- भाषा)

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