UGC ने अप्रेंटिसशिप बेस्ड डिग्री प्रोग्राम के लिए जारी की ड्राफ्ट गाइडलाइन
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UGC ने अप्रेंटिसशिप बेस्ड डिग्री प्रोग्राम के लिए जारी की ड्राफ्ट गाइडलाइन

UGC Apprenticeship Embedded Degree Programme: यूजीसी के डॉक्यूमेंट में कहा गया है कि एक फाइनेंशियल ईयर के भीतर, प्रत्येक प्रतिष्ठान 2.5 प्रतिशत से 15 प्रतिशत के बीच ट्रेनीज को नियुक्त करेगा.

UGC ने अप्रेंटिसशिप बेस्ड डिग्री प्रोग्राम के लिए जारी की ड्राफ्ट गाइडलाइन

Apprenticeship Embedded Degree Programme 2024: विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने अप्रेंटिसशिप बेस्ड डिग्री प्रोग्राम के लिए ड्राफ्ट दिशा-निर्देशों पर स्टेक होल्डर्स से सुझाव और प्रतिक्रिया मांगी हैं. इस प्रोग्राम का उद्देश्य उच्च शिक्षण संस्थान के ग्रेजुएट प्रोग्राम में प्रवेश लेने वाले छात्र को इन दिशा-निर्देशों के अनुपालन में डिग्री प्रोग्राम के इंटीग्रेटेड कॉम्पोनेंट के रूप में अप्रेंटिसशिप ट्रेनिंग प्राप्त करने में सक्षम बनाना है.

माइक्रोब्लॉगिंग साइट एक्स पर एक पोस्ट में आयोग ने हितधारकों से प्रकाशन की तारीख से 30 दिनों के भीतर उपलब्ध गूगल फॉर्म के माध्यम से दिशानिर्देशों पर अपने कमेंट शेयर करने के लिए कहा है.

यूजीसी ने एक नोटिस के अनुसार कहा कि 'क्लास में जो पढ़ाया जाता है' और 'इंडस्ट्री द्वारा जो जरूरी है' के बीच के अंतर को पाटने की जरूरत है. डॉक्यूमेंट्स में कहा गया है, "उद्योग द्वारा जरूरी योग्यताओं को विश्वविद्यालय के प्रोग्राम में शामिल किया जाना चाहिए ताकि शिक्षा-रोजगार के बीच के अंतर को पाटा जा सके. इस अंतर को पाटने में अप्रेंटिसशिप की अहम भूमिका है."

अप्रेंटिसशिप एम्बेडेड डिग्री प्रोग्राम नियम

डॉक्यूमेंट में कहा गया है कि केवल वे नियोक्ता ही ट्रेनी को नियुक्त करने के पात्र होंगे जिनके पास चार या ज्यादा कर्मचारी हों तथा 30 या ज्यादा कर्मचारियों वाली स्थापनाओं द्वारा ट्रेनीज को नियुक्त करना जरूरी होगा.

यूजीसी के डॉक्यूमेंट में कहा गया है कि एक फाइनेंशियल ईयर के भीतर, प्रत्येक प्रतिष्ठान 2.5 प्रतिशत से 15 प्रतिशत के बीच ट्रेनीज को नियुक्त करेगा. इसमें कहा गया है कि संविदा कर्मचारियों समेत प्रतिष्ठान की कुल क्षमता में से कम से कम 5 प्रतिशत नए ट्रेनी और स्किल सर्टिफिकेट धारक ट्रेनी के लिए रिजर्व होगी.

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इसमें संबंधित क्षेत्रों में अप्रेंटिसशिप ट्रेनिंग की राष्ट्रीय योजना को लागू करने के लिए भारत सरकार द्वारा चेन्नई, कानपुर, मुंबई और कोलकाता में "स्वायत्त निकायों" के रूप में अप्रेंटिसशिप या प्रक्टिकल ट्रेनिंग के क्षेत्रीय बोर्ड स्थापित करने का भी उल्लेख है. प्रोग्राम के बारे में ज्यादा जानकारी के लिए हितधारकों को आधिकारिक डॉक्यूमेंट पढ़ने की सलाह दी जाती है.

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