हर छात्र को गणेश जी से सीखनी चाह‍िए ये 5 बातें
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हर छात्र को गणेश जी से सीखनी चाह‍िए ये 5 बातें

सभी के घरों में भगवान गणेश को सबसे पहले पूजा जाता है. लेक‍िन धार्म‍िक महत्‍व के अलावा भगवान गणेश के जीवन में ऐसा बहुत कुछ है, ज‍िससे हर छात्र को प्रेरणा लेनी चाह‍िए. भगवान गणेश से आपको लाइफ स्‍क‍िल सीखने को म‍िलेगा, जो कामयाबी के रास्‍ते खोल सकता है. 

 

हर छात्र को गणेश जी से सीखनी चाह‍िए ये 5 बातें

गणेश जी, सभी देवताओं में प्रथम पूजनीय हैं और इन्‍हें बच्‍चे खासतौर पर पसंद करते हैं.दरअसल, गणेश जी की बुद्धिमत्‍ता और उनका अनोखा रूप हमेशा कौतूहल का कारण रहा है. गणेश जी के जीवन में ऐसा बहुत कुछ है, ज‍िससे छात्र सीख लेकर कामयाबी का रास्‍ता चुन सकते हैं. गणेश जी की ये 10 सीख छात्रों को न केवल उनके एकेडम‍िक्‍स में, बल्‍कि‍ उनके पर्सनल ग्रोथ में भी मदद करेगी.  यह भी पढ़ें : Top 10 richest women in the world : म‍िल‍िए दुन‍िया की 10 सबसे अमीर औरतों से

आप पर्फेक्‍ट नहीं, इस बात को अपनाएं: 
ऐसी दुनिया में जहां हर कोई पर्फेक्‍शन पाने के लिए कड़ी मेहनत कर रहा है, इसकी वजह से मेंटल हेल्‍थ से जुड़ी समस्‍याएं आ रही हैं, जैसे क‍ि स्‍ट्रेस, ड‍िप्रेशन आदि. छात्रों को खुशहाल जीवन के लिए अपनी अपूर्णताओं को अपनाना चाह‍िए. इसके ल‍िए गणेश जी से बेहतर उदाहरण और क्‍या हो सकता है, जिसका शरीर मनुष्य का था लेकिन सिर हाथी का था. हर छात्र को यह सीखना चाह‍िए क‍ि हममें से कोई भी परिपूर्ण नहीं है और हम सभी में अपनी अपूर्णताएं होंगी. जब तक हम खुद से प्यार नहीं करते और खुद को वैसे ही स्वीकार नहीं करते जैसे हम हैं, हम किसी और से ऐसा करने की उम्मीद नहीं कर सकते. यह भी पढ़ें : Top 10: प्राइवेट इंजीन‍ियर‍िंग कॉलेज, जहां से पढ़ाई पूरी करते ही म‍िलती है नौकरी, IIRF रैंक‍िंग में भी इनका नाम

 

ज्ञान ही शक्ति है:
देश के दक्षिणी और उत्तरी इलाकों में गणेश प्रतिमा को देवी सरस्वती और देवी लक्ष्मी के साथ हमारे गोल-मटोल भगवान के रूप में दर्शाया जाता है. छात्रों को ये समझना चाह‍िए क‍ि देवी सरस्वती शिक्षा और बुद्धि की देवी हैं, जबकि देवी लक्ष्मी भाग्य और धन की देवी हैं. सफलता ऐसे ही म‍िलती है. ज्ञान और सफलता दोनों एक दूसरे के साथ हैं.  यह भी पढ़ें : इन 10 ड‍िग्री वालों को म‍िलती है सबसे ज्‍यादा Salary, आप भी ले लें एडम‍िशन

बड़े काम करने के लिए बलिदान: 
माना जाता है कि भगवान गणेश ने प्रसिद्ध महाकाव्य महाभारत लिखा था और कहा जाता है कि ऋषि व्यास जब महाभारत की कथा सुना रहे थे तब गणेश जी की कलम टूट गई थी. भगवान ने अपने दांत का बलिदान दिया और इसे बिना किसी बाधा के अपना काम जारी रखने के लिए कलम के रूप में इस्तेमाल किया. उन्होंने अपने काम को पूरा करने के लिए जो कुछ भी करना था, किया और इसीलिए आपको कभी हार नहीं माननी चाहिए, भले ही इसके लिए थोड़ा त्याग करना पड़े. लेक‍िन अपना काम पूरा करना चाह‍िए. यह भी पढ़ें : ऑफ‍िस में अलग द‍िखते हैं ये 10 खूब‍ियों वाले लोग, म‍िलती है अलग पहचान

माता-पिता का सम्मान: 
भगवान गणेश माता-पिता के प्रति भक्ति और सम्मान के प्रतीक रहे हैं. एक अवसर पर, जब उनके माता-पिता यह परखना चाहते थे कि गणेश जी और उनके भाई कार्त‍िक में ज्‍यादा बुद्धिमान कौन है, तो उन्होंने बच्चों से तीन बार दुनिया की यात्रा करने को कहा. कार्तिक तुरंत अपने मयूर पर सवार होकर पूरी दुनिया की यात्रा करने के लिए निकल गया, भगवान गणेश वहीं रुक गए. उन्होंने बस अपने माता-पिता की तीन बार परिक्रमा की और कहा कि वे ही उनकी दुनिया हैं, जिससे उन्होंने ज्ञान चुनौती जीत ली. 

सुनने की आदत डालें:
गणेश जी का सिर हाथी का है और कान बड़े बड़े. यह बताता है कि सुनना सबसे जरूरी लाइफ स्‍क‍िल में से एक है. अगर हम उन सभी बातों पर ध्यान दें जो हमसे कही जा रही हैं, तो जीवन के कई पहलुओं से बहुत कुछ सीखने को मिलता है. भगवान गणेश ने हमें दिखाया है कि दूसरों की बात सुनकर हम अधिक ज्ञानवान बनते हैं. यह भी पढ़ें : GK Quiz for students: इन 9 देशों में टीचर्स को म‍िलती है सबसे ज्‍यादा सैलरी, जानें भारत है या नहीं

 

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