NEET UG Exam: भारत में मेडिकल की पढ़ाई के लिए छात्रों को नीट यूजी परीक्षा देनी होती है. इस साल नीट यूजी के लिए 18 लाख से ज्यादा कैंडिडेट्स ने आवेदन किया था.
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NEET Exam 2022: नीट यूजी काउंसलिंग दिसंबर तक जारी रहने की संभावना है. नीट यूजी परीक्षा क्वालीफाई करने वाले स्टूडेंट्स इस प्रक्रिया में भाग लेंगे. हालांकि, नीट यूजी क्वालीफाई न कर पाने वाले स्टूडेंट्स को निराश होने की जरूरत नहीं है. उनके पास भी मेडिकल की पढ़ाई करने के कई मौके हैं. भारत में मेडिकल की पढ़ाई के लिए स्टूडेंट्स को नीट यूजी परीक्षा देनी होती है. इस साल नीट यूजी के लिए 18 लाख से ज्यादा कैंडिडेट्स ने आवेदन किया था, लेकिन मेडिकल के लिए देश में इतनी सीटें मौजूद नहीं हैं तो सभी मेडिकल की पढ़ाई के लिए एडमिशन नहीं ले सकते हैं.
छात्र रूस, फिलीपींस, किर्गिस्तान, कजाकिस्तान, चीन, नेपाल, बांग्लादेश और श्रीलंका समेत अन्य देशों में कम कीमत और अच्छे संसाधन में मेडिकल की पढ़ाई कर सकते हैं. हालांकि, भारत में प्रैक्टिस करने के लिए उन्हें लाइसेंस की जरूरत होगी. जिसके लिए फॉरेन मेडिकल ग्रैजुएट एग्जामिनेशन (FMGE) क्वालीफाई करना जरूरी है. अमेरिका और ब्रिटेन को छोड़कर भारत के सबसे ज्यादा छात्र मेडिकल एजुकेशन के लिए चीन जाते हैं. यहां एमबीबीएस करने के लिए कुनमिंग मेडिकल यूनिवर्सिटी, नानजिंग मेडिकल कॉलेज और चाइना मेडिकल यूनिवर्सिटी सहित अन्य प्रतिष्ठित संस्थान हैं.
वहीं, रूस में मेडिकल की पढ़ाई के लिए कज़ान फेडरल यूनिवर्सिटी, बशखिर स्टेट मेडिकल यूनिवर्सिटी और अल्ताई स्टेट मेडिकल यूनिवर्सिटी सहित अन्य संस्थान हैं. सीमावर्ती देश नेपाल की बात करें तो यहां नेशनल मेडिकल कॉलेज, नोबेल मेडिकल कॉलेज और चितवन मेडिकल कॉलेज है. जबकि, बांग्लादेश का एशियन मेडिकल कॉलेज और बीजीसी ट्रस्ट मेडिकल कॉलेज काफी पॉपुलर हैं. वहीं, कज़ाख़िस्तान का साउथ कज़ाख़िस्तान मेडिकल एकेडमी, अस्ताना मेडिकल यूनिवर्सिटी, अल फराबी कज़ाख़ नेशनल यूनिवर्सिटी स्टूडेंट्स में पॉपुलर है.
अन्य विदेशी संस्थानों की तुलना में किर्गिस्तान में मेडिकल एजुकेशन की लागत काफी कम है. किर्गिस्तान में मेडिकल यूनिवर्सिटी इंटरनेशनल स्टूडेंट्स के लिए कुल सीटों का लगभग 5 फीसदी रिजर्व करते हैं. यहां से मिली डिग्री दुनिया भर में मान्यता प्राप्त है.
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