IAS collector salary: महीने के कितने कमाते हैं आपके डिस्ट्रिक्ट कलेक्‍टर? ये रहा उनकी इनकम का पूरा हिसाब
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IAS collector salary: महीने के कितने कमाते हैं आपके डिस्ट्रिक्ट कलेक्‍टर? ये रहा उनकी इनकम का पूरा हिसाब

Collector highest salary: लाखों उम्‍मीदवार IAS बनने के लिए UPSC एग्‍जाम की तैयारी करते हैं. ज्‍यादातर लोगों का रूझान कलेक्‍टरी की तरफ होता है. ऐसे में आपको जानना चाहिए कि DM की मंथली सैलरी कितनी होती है?  

 IAS collector salary: महीने के कितने कमाते हैं आपके डिस्ट्रिक्ट कलेक्‍टर? ये रहा उनकी इनकम का पूरा हिसाब

Monthly salary of IAS collector: ये बात तो आप जानते ही हैं कि जिले में कलेक्‍टर का पद बहुत मायने रखता है, लेकिन क्‍या आप जानते हैं एक DM की मंथली सैलरी कितनी होती है? उन्‍हें सरकार की तरफ से क्‍या-क्‍या सुविधाएं दी जाती है? दरअसल, कलेक्‍टर IAS ऑफिसर होता है. उसे जिले की कई तरह की जिम्मेदारियां संभालना होती है. इसमें सबसे खास होता है रेवेन्यू कोर्ट का काम-काज. 7वें वेतन आयोग (7th Pay Commission) के मुताबिक, IAS ऑफिसर को 56100 रुपये बेसिक सैलरी के तौर पर मिलते हैं. इसके अलावा उन्‍हें टीए, डीए और एचआरए (TA, DA, and HRA) भी दिया जाता है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अगर सभी भत्ते मिला कर एक आईएएस अधिकारी को शुरुआत में मंथली 1 लाख रुपये से ज्यादा सैलरी दी जाती है. 

आपके कलेक्‍टर की मंथली सैलरी कितनी? 

7वें वेतन आयोग के अनुसार, जिले के कलेक्टर को हर माह लगभग 80 हजार रुपये सैलरी दी जाती है. हालांकि कैबिनेट सचिव की पोस्‍ट पर पहुंचते-पहुंचते उनकी सैलरी 2 लाख 50 हजार रुपये तक हो जाती है.

क्‍या काम होता है कलेक्‍टर का 

  • जिले के कलेक्‍टर को रेवेन्यू कोर्ट की जिम्‍मेदारी दी जाती है. 

  • वह राहत एवं पुनर्वास के कार्य भी देखता है. 

  • जिला बैंकर समन्वय समिति की अध्यक्षता करता है. 

  • जिला योजना केंद्र की अध्यक्षता की जिम्‍मेदारी भी कलेक्‍टर की होती है.

  • भूमि अधिग्रहण में मध्यस्थ की भूमिका निभाना और भू राजस्व का संग्रह करना कलेक्‍टर की पारंपरिक मुख्‍य जिम्‍मेदारी रही है. 

  • लैंड रिकॉर्ड की व्यवस्था संभालना 

  • कृषि ऋण का वितरण करना. 

  • एक्साइज ड्यूटी का कलेक्शन करना. 

कलेक्‍टर को मिलती हैं इतनी सारी सुविधाएं

  • एक IAS ऑफिसर जो कलेक्टर बनता है,उसे सरकार की तरफ से बंगला दिया जाता है.

  • उन्‍हें सरकारी वाहन भी दिया जाता है. 

  • उनके घर के काम-काज के लिए कार, ड्राइवर और नौकर दिया जाता है.

  • इसके अलावा सरकारी बंगले पर चपरासी, माली कुक और दूसरे कामों के लिए सहायकों की सुविधा दी जाती है.

कैसे बनते हैं डिस्ट्रिक्ट कलेक्टर?

कलेक्टर के पास जिले में राजस्व प्रबंधन से जुड़ा सबसे बड़ा पद होता है. इनका काम जिले को अच्छी तरह से मैनेज करने का होता है. यही वजह है कि कलेक्टर को किसी राज्य के एक जिले की जिम्मेदारी सौंप दी जाती है. आपको बता दें कि एक डिस्ट्रिक्ट कलेक्टर बनने के लिए UPSC की एग्‍जाम क्वॉलिफाई करनी पड़ती है.

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