School Admission 2024-25: नेशनल एजुकेशन पॉलिसी 2020 के मुताबिक, 3-6 साल की उम्र के बच्चे 10+2 स्ट्रक्चर में शामिल नहीं हैं क्योंकि कक्षा 1 6 साल की उम्र में शुरू होती है.
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National Education Policy 2020: केंद्र ने नेशनल एजुकेशन पॉलिसी (एनईपी) 2020 और बच्चों के फ्री और जरूरी शिक्षा के अधिकार (आरटीई) अधिनियम, 2009 के अनुरूप कक्षा 1 में एडमिश के लिए कम से कम आयु छह साल तय करने के लिए सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को एक नोटिस जारी किया है.
राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेश प्रशासनों को लिखे एक पत्र में, शिक्षा मंत्रालय (एमओई) के स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग ने 2020 में एनईपी लॉन्च होने के बाद से कई बार जारी किए गए अपने निर्देशों को दोहराया है. इसी तरह का एक नोटिस पिछले साल भी जारी किया गया था.
"2024-25 सेशन जल्द ही शुरू होने वाला है जब नए एडमिशन होंगे. उम्मीद है कि आपके राज्य/ केंद्रशासित प्रदेश में अब ग्रेड- I में एडमिशन के लिए आयु 6+ कर दी गई है." मंत्रालय ने अपने लेटर में कहा है.
Department of School Education & Literacy, Ministry of Education, in a letter dated 15.02.2024, with reference to D.O. letter No. 9-2/20- IS-3 dated 31.03.2021 followed by D.O. letter of even number dated 09.02.2023, requested all states/UTs to ensure that the age of admission to… pic.twitter.com/RoIrA9h9IC
— Ministry of Education (@EduMinOfIndia) February 25, 2024
मार्च 2022 में, केंद्र ने लोकसभा को सूचित किया कि 14 राज्य और केंद्र शासित प्रदेश - जैसे असम, गुजरात, पुडुचेरी, तेलंगाना, लद्दाख, आंध्र प्रदेश, दिल्ली, राजस्थान, उत्तराखंड, हरियाणा, गोवा, झारखंड, कर्नाटक और केरल - कक्षा 1 में उन बच्चों को एडमिशन देते हैं जिन्होंने 6 साल पूरे नहीं किए हैं.
नेशनल एजुकेशन पॉलिसी 2020 के मुताबिक, 3-6 साल की उम्र के बच्चे 10+2 स्ट्रक्चर में शामिल नहीं हैं क्योंकि कक्षा 1 6 साल की उम्र में शुरू होती है. नई 5+3+3+4 स्ट्रक्चर में, एक मजबूत आधार 3 साल की आयु से प्रारंभिक बचपन देखभाल और शिक्षा (ईसीसीई) भी शामिल है, जिसका उद्देश्य बेहतर ओवरऑल एजुकेशन, डेवेलपमें को बढ़ावा देना है.
नेशनल एजुकेशन पॉलिसी (NEP) के मुताबिक स्कूलों में पढ़ाने का तरीका और पढ़ाए जाने वाले सब्जेक्ट में बदलाव किया जाएगा, ताकि बच्चों की अलग-अलग उम्र के हिसाब से उनकी जरूरतों और रुचि के हिसाब से पढ़ाई हो सके.
3 से 8 साल: आंगनवाड़ी/ प्री-स्कूल (3 साल) और प्राथमिक स्कूल की पहली और दूसरी क्लास (2 साल) को मिलाकर यह "फाउंडेशनल स्टेज" होगा.
8 से 11 साल: तीसरी से पांचवीं कक्षा को "प्रिपरेटरी स्टेज" कहा जाएगा.
11 से 14 साल: छठी से आठवीं कक्षा को "मिडिल स्टेज" कहा जाएगा.
14 से 18 साल: नवीं से बारहवीं कक्षा को दो फेज में बांटा जाएगा. पहला फेज नौंवीं और दसवीं क्लास का होगा और दूसरा फेज 11वीं और 12वीं क्लास का होगा. इस पूरे फेज को "सेकेंडरी स्टेज" कहा जाएगा.