7 साल संभाली गृहस्थी, पति ने दिया साथ, दूसरी बार एग्जाम पास करके बनीं डिप्टी कलेक्टर; कहानी सिम्मी यादव की
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7 साल संभाली गृहस्थी, पति ने दिया साथ, दूसरी बार एग्जाम पास करके बनीं डिप्टी कलेक्टर; कहानी सिम्मी यादव की

Success Story: एक ऐसी सफलता की कहानी लेकर आए हैं, जो न केवल आपको प्रेरित करती हैं, बल्कि मुश्किल परिस्थिति से लड़ने के लिए हिम्मत भी देती है.  आइए जानते हैं डिप्टी कलेक्टर सिम्मी यादव के बारे में...

7 साल संभाली गृहस्थी, पति ने दिया साथ, दूसरी बार एग्जाम पास करके बनीं डिप्टी कलेक्टर; कहानी सिम्मी यादव की

Simmi Yadav Success Story: अपनी घर-गृहस्थी संभालते हुए पढ़ाई करना आसान नहीं होता, लेकिन कुछ लोग इस बात की मिसाल पेश कर देते हैं कि उनके सामने कोई भी परेशानी आ जाए वे अपने लक्ष्य को पाने से पहले अपने कदम कभी पीछे नहीं लेते. आज हम उस महिला अधिकारी के बारे में बात कर रहे हैं, जो लगातार दो बार डिप्टी कलेक्टर के पद पर चुनी गईं,  31 वर्षीय सिम्मी यादव की कहानी आपको सिखाएगी कि अगर आप चाहो तो कुछ भी और कभी भी हासिल कर सकते हों. 

मध्य प्रदेश की राज्य सेवा परीक्षा 2019 में सफलता हासिल करने वाली इंदौर की सिम्मी यादव ने शादी के बाद अपना कठिन सफर शुरू किया था. शादी के बाद पिछले 7 वर्षों से घर-गृहस्थी संभालने के साथ सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी करने वाली सिम्मी लगातार दूसरी बार एमपीपीएससी की परीक्षा पास करके उप जिलाधिकारी चुनी गई हैं. सिम्मी ने एक इंटरव्यू में कहा, "मेरी शादी 2016 में हुई थी. शादी के साल भर बाद मैंने राज्य सेवा परीक्षा की तैयारी शुरू की और तमाम पारिवारिक चुनौतियों के बावजूद मेरे पति राहुल यादव ने इसमें मेरा पूरा साथ दिया." 

पारिवारिक मूल्यों और रिश्तों से बढ़कर कुछ नहीं: सिम्मी
सिम्मी ने सिविल सेवा परीक्षा में सफलता का श्रेय अपने पति को देते हुए कहा, "अगर शादी के बाद मेरे पति मुझे सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी से मना कर देते तो मैं उनकी बात मान लेती, क्योंकि मेरे लिए पारिवारिक मूल्यों और रिश्तों से बढ़कर कुछ भी नहीं है." सिम्मी ने कम्प्यूटर साइंस में एमएससी की डिग्री ली है. उन्होंने बताया कि परीक्षा की तैयारी के दौरान ऐसे कई मौके आए, जब उनके पति ने खाना बनाने में भी उनका हाथ बंटाया.

राहुल चाहते हैं सिम्मी बने डीएम
सिम्मी के पति राहुल यादव चेन्नई स्थित एक आईटी कंपनी में सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं. उन्होंने कहा, "मुझे पूरा भरोसा था कि मेरी पत्नी का चयन डिप्टी कलेक्टर के पद के लिए होगा. अब मेरी दिली ख्वाहिश है कि वह एक दिन कलेक्टर भी बनें." राहुल ने कहा कि उन्होंने और सिम्मी ने मिलकर तय किया कि जब तक वह अपने लक्ष्य को हासिल नहीं कर लेतीं, तब तक वे अपना परिवार नहीं बढ़ाएंगे.

कानूनी पेचीगदियों के चलते देरी से जारी हुए नतीजे
करीब 7 महीने पहले 9 जून को जारी हुए राज्य सेवा परीक्षा 2020 में भी सिम्मी डिप्टी कलेक्टर चुनी गई थीं. अब राज्य सेवा परीक्षा 2019 के नतीजे 26 दिसंबर को घोषित किए गए. मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग के एक अधिकारी ने बताया कि कोविड-19 के प्रकोप और सरकारी नौकरियों में ओबीसी को 27 प्रतिशत आरक्षण के मामले की कानूनी पेचीगदियों के चलते इस भर्ती परीक्षा का परिणाम जारी किए जाने में देरी हुई.

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