IAS Success Story: डीएसपी बनने के बाद रानू पुलिस की ट्रेनिंग के साथ ही यूपीएससी की तैयारी करती रहीं. उन्होंने टारगेट फिक्स कर लिया था कि उन्हें अब आईएएस अफसर बनना है.
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IAS Ranu Sahu: आईएएस रेनू साहू की गिनती देश की तेजतर्रार अफसरों में की जाती है. आज हम आपको बता रहे हैं कि उनकी अब तक की जर्नी कैसी रही और क्यों उनका रातोंरात तबादला कर दिया गया था. IAS रानू साहू 2010 बैच की अफसर हैं. रानू साहू का जन्म छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले के पांडुका में हुआ था. पढ़ाई में रानू अच्छी थीं. जब रानू ने 10वीं पास की थी तो उनके 90 फीसदी नंबर आए थे. साल 2005 में रानू डीएसपी बन गई थीं.
एक इंटरव्यू में उन्होंने बताया था कि उन्हें पुलिस की वर्दी बहुत ही पसंद थी और वो खुद को हमेशा पुलिस की वर्दी में ही देखना चाहती थीं. ग्रेजुएशन करने के बाद जब रानू ने एग्जाम दिया तो उनको डीएसपी का पद मिला. बेटी पुलिस में जाएगी ये बात सुनकर उनके पिता भड़क गए थे. हालांकि बाद में मान गए थे.
डीएसपी बनने के बाद रानू पुलिस की ट्रेनिंग के साथ ही यूपीएससी की तैयारी करती रहीं. उन्होंने टारगेट फिक्स कर लिया था कि उन्हें अब आईएएस अफसर बनना है. साल 2009 में उन्होंने जब यूपीएससी का एग्जाम दिया तो उनका सेलेक्शन IAS के लिए हो गया. जब वो आईएएस बनीं तो उन्हें छत्तीसगढ़ कैडर मिला और जब कलेक्टर बनीं तो कांकेर जिला मिला. वह उस जिले की 14वीं कलेक्टर थीं.
जब रानू कोरबा की कलेक्टर थीं तब उनके काम करने के तरीके पर सवाल उठाए गए थे और सीएम से शिकायत भी की गई थी. एक मंत्री से विवाद के चलते रातोंरात उनका ट्रांसफर कोरबा से रायगढ़ कर दिया गया था. रानू साहू के पति का नाम जयप्रकाश मौर्य है और वह मंत्रालय में सचिल के पद पर हैं. वहीं रानू की मां भी राजनीति में हैं और जिला पंचायत सदस्य हैं. रानू की एक बहन भी महिला विकास विभाग में अफसर हैं.
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