Engineers Day 2024: सर मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया, इंजीनियरिंग और सार्वजनिक सेवा के क्षेत्र के बहुत ही प्रतिष्ठित व्यक्ति हैं. भारत के विकास में उनके महान योगदान के लिए याद किया जाता है. मोक्षगुंडम को उनके काम के लिए भारत रत्न से सम्मानित किया गया था. उनका जन्म आज ही के दिन 15 सितंबर को हुआ था.
Trending Photos
Engineers Day 2024: भारत में हर साल 15 सितंबर को इंजीनियर्स डे मनाया जाता है. दरअसल ये दिन इंजीनियरिंग के क्षेत्र में अपना योगदान देने वाले सर मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया के सम्मान में मनाया जाता है. 15 सितंबर के दिन ही उनका जन्म हुआ था. अपने काम और आइडियाज के जरिये वो आज की पीढ़ियों को प्रेरित कर रहे हैं. सर मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया एक सिविल इंजीनियर, राजनेता और मैसूर के 19वें दीवान थे, जिन्होंने भारत के विकास में अतुलनीय योगदान दिया.
यह भी पढ़ें : भारत के ये 10 शहर पढ़ाई के लिए हैं Best
विश्वेश्वरैया की सबसे उल्लेखनीय उपलब्धियों में से एक मांड्या में कृष्ण राजा सागर (केआरएस) बांध है. इस स्मारकीय इंजीनियरिंग उपलब्धि ने बंजर भूमि को उपजाऊ कृषि क्षेत्रों में बदल दिया, जिससे भूमि के विशाल भूभाग को सिंचाई मिली और यह कई शहरों के लिए पीने के पानी का एक महत्वपूर्ण स्रोत बन गया.
अपनी इंजीनियरिंग क्षमता के अलावा, विश्वेश्वरैया औद्योगीकरण और शिक्षा के भी हिमायती थे. उन्होंने भारत के आर्थिक विकास को गति देने और तकनीकी प्रगति को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. विकास के प्रति उनके दूरदर्शी दृष्टिकोण ने देश की औद्योगिक प्रगति की नींव रखी.
यह भी पढें : UPSC को क्यों कहा जाता है देश का सबसे मुश्किल एग्जाम? ये हैं वो 7 वजहें
मिला सम्मान
सर एम. विश्वेश्वरैया को कंपेनियन ऑफ द ऑर्डर ऑफ द इंडियन एम्पायर (CIE) और बाद में नाइट कमांडर ऑफ द ब्रिटिश इंडियन एम्पायर (KCIE) से सम्मानित किया गया. 1955 में, उन्हें भारत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान, भारत रत्न मिला.
बैंगलोर में जन्मे विश्वेश्वरैया के परिवार ने उन्हें ऐसे मजबूत सिद्धांत सिखाए जो उनके जीवन और करियर का मार्गदर्शन करते रहे. सार्वजनिक सेवा के प्रति उनका समर्पण और उत्कृष्टता के प्रति उनकी प्रतिबद्धता उनके सभी प्रयासों में स्पष्ट थी.
14 अप्रैल, 1962 को 102 साल की उम्र में सर मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया का निधन हो गया. उनके असाधारण योगदान के सम्मान में, भारतीय डाक ने 15 सितंबर 1960 को उनके 100वें जन्मदिन पर एक स्मारक डाक टिकट जारी किया. उनकी विरासत इंजीनियरों और नागरिकों को समान रूप से प्रेरित करती है.
यह भी पढ़ें : मिलिए प्रकृति मल्ला से, दुनिया की सबसे खूबसूरत हैंडराइटिंग वाली लड़की
15 सितंबर को ही क्यों मनाया जाता है इंजीनियर्स डे?
भारत में मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया की विरासत का सम्मान करने के लिए 15 सितंबर को इंजीनियर्स दिवस मनाया जाता है. सिंचाई, जलविद्युत शक्ति और सार्वजनिक स्वास्थ्य सहित विभिन्न इंजीनियरिंग क्षेत्रों में उनके महत्वपूर्ण योगदान है जिसने देश के विकास पर गहरा असर डाला. उनका जन्मदिन भारत भर के इंजीनियरों की उपलब्धियों को पहचानने और उनका जश्न मनाने का एक मौका है.