Kissa Kursi Ka: मेरठ में जन्मे अरुण गोविल की पहचान रामायण सीरियल में राम का किरदार निभाने से बनी. इस बार भाजपा ने 2024 के लोकसभा चुनाव में उन्हें मेरठ से उम्मीदवार बनाया है. राम लहर के बीच लोगों को 1988 का इलाहाबाद उपचुनाव भी याद आ रहा है जब अरुण गोविल इलाहाबाद में कांग्रेस का प्रचार करने गए थे.
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Meerut Lok Sabha Chunav: जब से भाजपा ने मेरठ लोकसभा सीट पर अरुण गोविल को टिकट दिया है, 'रामायण के राम' की काफी चर्चा है. दूरदर्शन पर करीब 35 साल पहले प्रसारित हुए रामानंद सागर के 'रामायण' सीरियल में उन्होंने राम का किरदार निभाया था. उसके बाद लोग उनमें भगवान राम की छवि देखने लगे. आज भी लोग उन्हें काफी सम्मान देते हैं. ऐसे समय में जब अयोध्या में राम मंदिर बन चुका है, भाजपा ने मेरठ से उन्हें टिकट देकर बड़ा दांव चला है. हालांकि कम लोगों को पता होगा कि रामायण सीरियल के समय उन्होंने कांग्रेस के पक्ष में प्रचार किया था. जी हां, 1988 में अरुण गोविल कांग्रेस के लोकसभा प्रत्याशी सुनील शास्त्री के लिए प्रचार करने इलाहाबाद गए थे.
कांग्रेस से हुआ था तीखा सवाल
80 के दशक में जब रामायण घर-घर में देखा जा रहा था. सड़कें सूनी हो जाया करती थीं. उस समय कांग्रेस ने उनकी लोकप्रियता को भुनाने की पूरी कोशिश की थी. 1988 में दूरदर्शन पर प्रसारित एक टीवी डिबेट में कांग्रेस के तत्कालीन नेता गुलाम नबी आजाद से पूछा गया था कि रामायण में राम का अभिनय करने वाले अरुण गोविल को इलाहाबाद क्या सोचकर भेजा गया? उस समय आपके दिमाग में इलाहाबाद के वोटर की कैसी तस्वीर थी, क्या वोटर झांसे में आ जाता है, ऐसी बातों से प्रेरित होकर वह कांग्रेस को वोट दे देगा?
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आजाद ने जवाब दिया था कि जब अरुण गोविल इलाहाबाद गए तो उन्होंने हर पब्लिक मीटिंग में यही कहा कि जब वह मुंबई में थे और उन्हें दो महीने से वीपी सिंह जी प्रयास कर रहे थे अपनी तरफ से घुमाने के लिए. कई बार उन्होंने आदमी भेजे. वीपी सिंह चाहते थे कि अरुण गोविल उनके लिए कैंपेन करें. जब उन्होंने कैंपेन करने से इनकार कर दिया तब वीपी सिंह ने कहा था, 'ये राम नहीं, रावण हैं' इसके बाद अरुण गोविल उनके खिलाफ प्रचार करने के लिए इलाहाबाद आए.
धार्मिक भावनाएं भड़काने के लगे आरोप
कांग्रेस ने फिल्मी स्टार को प्रचार करने के लिए क्यों बुलाया? इस सवाल पर आजाद ने कहा था कि यह तो हक है उस शख्स का. हर नागरिक को हक है अगर वह सोचता है किसी पार्टी की मदद करने के बारे में. मैं नहीं समझता कि इसमें कुछ गलत है.
1988 :: Actor Arun Govil ( @arungovil12 ) Campaigning For Congress Candidate Sunil Shastri In Allahabad Loksabha Election pic.twitter.com/V5j5zGvMN8
— indianhistorypics (@IndiaHistorypic) February 15, 2022
डिबेट में अजीत चौधरी भी बैठे थे. उन्होंने कहा कि आपने इस तरह इलाहाबाद के वोटर की धार्मिक भावनाओं को भड़काने की कोशिश की क्योंकि गोविल साहब ने गोविल की तरह प्रचार नहीं किया. उन्होंने रामायण में जो राम हैं, उनकी तरह से प्रचार किया. कांग्रेस ने उन्हें ऐसे प्रोजेक्ट किया जैसे वह रामायण के राम हैं और वह कांग्रेस का सपोर्ट कर रहे हैं. (पूरा वीडियो यहां देखिए)
अब कुछ पत्रकारों ने सोशल मीडिया पर लिखा है कि 1988 के इलाहाबाद उपचुनाव में अरुण गोविल भगवान राम के कॉस्ट्यूम में पहुंच गए थे. इलाहाबाद विश्वविद्यालय के छात्रों ने तब विरोध किया था तो उन्हें जाना पड़ा.
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